दुर्ग

दुर्ग, 15 फरवरी। कार खरीदने के सौदे को लेकर अभियुक्त द्वारा 10 लाख का दिया गया चेक खाता में रकम न होने के कारण अनादरित हो गया। इस मामले परिवादी ने न्यायालय में परिवाद दायर किया था। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट सचिन पाल टोप्पो की कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी को न्यायालय उठने तक खड़े रहने की सजा तथा 13 लाख 50 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है। एक माह के भीतर अर्थदंड अदा न करने पर दो माह साधारण कारावास की सजा सुनाई है।
परिवादी राजेंद्र पाटनी निवासी आर्य नगर दुर्ग की पहचान अभियुक्त अनिल राठी संचालक राठी ऑटोडील दक्षिण गंगोत्री सुपेला के साथ थी। अभियुक्त अनिल राठी ने परिवादी राजेंद्र पाटनी से कहा कि मुंबई में कम दर पर कार मिलती है। उसकी बातों में आकर परिवादी राजेंद्र ने मई 2008 में 10 लाख रुपए अनिल राठी को दिए रकम लेने के बाद अनिल राठी ने परिवादी राजेंद्र पाटनी को आश्वस्त किया था कि बैंक के माध्यम से लेने वाले कार की रकम को जमा कर देने पर वह अपना कमीशन काटकर बाकी रकम वापस कर देगा और मुंबई से कार आने पर वह सूचित करेगा। कुछ दिनों बाद परिवादी को पता चला कि अनिल ने स्कोडा फेबिया कंपनी की कार लिया है परंतु वह संपर्क नहीं कर रहा है। जब राजेंद्र पाटनी ने उससे कार मांगा तो वह टालमटोल करने लगा। इस पर राजेंद्र ने अपनी रकम वापस मांगी तो अभियुक्त अनिल ने एक्सिस बैंक लिमिटेड भिलाई का चेक दिया, जो बाउंस हो गया था।