दुर्ग

न्याय का मतलब सिर्फ फैसला देना नहीं, बल्कि समय रहते समाधान देना भी है-चीफ जस्टिस
04-Jul-2025 7:34 PM
न्याय का मतलब सिर्फ फैसला देना नहीं, बल्कि समय रहते समाधान देना भी है-चीफ जस्टिस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दुर्ग, 4 जुलाई। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के मुख्य संरक्षक चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के मार्गदर्शन में जिले में ’मीडिएशन फॉर द नेशन’ अभियान को सफल बनाने के लिए 1 और 2 जुलाई को महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की गईं।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली और उच्चतम न्यायालय की मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति के संयुक्त निर्देशन में 1 जुलाई से 7 अक्टूबर तक यह 90-दिवसीय अभियान चलेगा। बैठक की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग ने की। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने अभियान के महत्व पर जोर देते हुए कहा है कि न्याय का मतलब सिर्फ फैसला देना नहीं, बल्कि समय रहते समाधान देना भी है।

बैठक में अभियान के उद्देश्यों, कार्ययोजनाओं और प्रभावी क्रियान्वयन पर गहन चर्चा की गई। इसका मुख्य लक्ष्य नागरिकों को मध्यस्थता के लाभों के बारे में जागरूक करना है, जिसके लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। लंबित मामलों को निपटाने के लिए इस 90-दिवसीय मध्यस्थता अभियान में, ऐसे पात्र मामलों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिये गये जिनमें सुलह की संभावना हो। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग को अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए नुक्कड़ नाटक और अन्य माध्यमों का उपयोग करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, ऑनलाइन मध्यस्थता को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया, ताकि तकनीकी साधनों का उपयोग कर मामलों को त्वरित रूप से सुलझाया जा सके। इसके अतिरिक्त बैठक में आगामी नेशनल लोक अदालत (13 सितंबर 2025) की तैयारियों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

 इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों का आपसी समझौते के आधार पर निपटारा सुनिश्चित करना है। इनमें नियमित आपराधिक प्रकरण, घरेलू हिंसा, मोटर दुर्घटना दावा, वैवाहिक विवाद, चेक अनादरण (बाउंस), ऋण वसूली, विभाजन, श्रम विवाद, प्री-लिटिगेशन, न्यायालय में लंबित पुराने मामले, वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित प्रकरण और महिलाओं व बच्चों से संबंधित मामले शामिल हैं।

इन प्रयासों का लक्ष्य लोक अदालत के उद्देश्य को सफल बनाना और नागरिकों को त्वरित एवं सुलभ न्याय प्रदान करना है। बैठक में जिला न्यायालय के समस्त न्यायाधीशगण, परिवार न्यायालय में पदस्थ न्यायाधीशगण, प्रशिक्षित न्यायाधीश मध्यस्थ, अधिवक्ता मध्यस्थ और जिला अधिवक्ता संघ दुर्ग के सदस्यगण सम्मिलित हुए।


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