दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 5 जुलाई। मंित्रमंडल, आयोग व निगम-मंडल में यादव समाज को संख्या बल के हिसाब से प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर नाराज समाज के लोगों ने 10 जुलाई को राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री निवास घेराव का ऐलान किया था, जिसके मद्देनजर यादव समाज के प्रतिनिधि मंडल से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने निवास में चर्चा की। इसमें मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा मिले आश्वासन पश्चात यादव समाज ने उनके निवास घेराव का कार्यक्रम स्थगित करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से उनके रायपुर स्थित निवास कार्यालय में यादव समाज के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। जहां प्रतिनिधिमंडल विधायक गजेंद्र यादव व राजनांदगांव महापौर मधुसुदन यादव के नेतृत्व में पहुंचा था। मुख्यमंत्री श्री साय से मुलाकात के दौरान कार्यक्रम उप संयोजक गुलेन्द्र यादव ने प्रदेश में पिछड़े वर्ग में यादव समाज संख्या बल में दूसरे नंबर पर होने के बाद भी मंत्रीमंडल, गौसेवा आयोग एवं निगम मंडल में स्थान न देने के कारण समाज की तरफ से नाराजगी व्यक्त किया।
समाज के प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि जिस तरह से विभिन्न समाज को उनसे जुड़े आयोग व निगम मंडल व बोर्ड में जगह दिया गया। उसी प्रकार गौसेवा आयोग अध्यक्ष का पद यादव समाज को दिया जाय साथ ही मंत्रीमंडल एवं निगम -मंडल में संख्याबल के हिसाब से प्रतिनिधित्व दिया जाय इसके अलावा समाज से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री साय ने समाज की एकता, सहयोग और प्रगति की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार समाज के विकास में हरसंभव मदद करेगी व यादव समाज की सरकार में सहभागिता को सुनिश्चित करेगी उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी मांगों व यादव समाज के समाज के सम्मान का ध्यान रखा जाएगा।
उपसंयोजक गुलेन्द्र यादव ने कहा कि मुख्य मंत्री से मिले आश्वासन पर 10 जुलाई को मुख्यमंत्री निवास घेराव का कार्यक्रम अस्थायी रूप से स्थगित किया गया है यह समाप्त नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री के समक्ष प्रतिमंडल के सदस्य ने यह स्पष्ट रूप से कही है। इस दौरान मुख्य रूप से दुर्ग विधायक गजेन्द्र यादव, राजनंदगांव महापौर मधुसूदन यादव, गुलेन्द्र यादव, बोधन यादव,खेम राज यादव,माधव यादव,रोम शंकर यादव,पिंटा यादव, देवेंद्र यादव, रामा यादव, पाटन राज संरक्षक खेम राज यादव, प्रीतम यादव, दशरथ यादव, अशोक यादव, ठाकुर राम यादव, शंकर यादव, जयेंन्द्र यादव, विनय यादव, परमानंद यादव, नवीन यादव सहित बड़ी संख्या समाज के लोग मौजूद थे।