धमतरी
पीडि़त परिजनों ने प्रशासन से मांगा इंसाफ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 26 अगस्त। झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से एक मासूम बालक की मौत को 15 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अब तक फरार आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जांच के लिए दो डाक्टरों की टीम बनाई है, लेकिन अब तक उनकी रिपोर्ट नहीं आई है। पीडि़त परिवार इंसाफ़ के लिए प्रशासन का मुंह ताक रहा है।
गौरतलब है कि धमतरी जिला अंतर्गत कुरूद के समीप ग्राम डांडेसरा निवासी रेवाराम साहू अपने 12 वर्षीय बेटे नीरज साहू के सर्दी-खांसी का इलाज कराने 11 अगस्त को कुरूद के अशोक मेडिकल स्टोर्स लेकर आया था। जहां इंजेक्शन लगाने के बाद थोड़ी देर में मासुम की मौत हो गई। घटना के बाद थाना पहुंचे मृतक के परिजनों ने पुलिस को बताया कि मेडिकल संचालक अशोक शर्मा, जो कथित झोलाछाप डॉक्टर है, ने बिना जांच किए नीरज को एक इंजेक्शन लगा दिया, इसके बाद बच्चे की तबियत बिगडऩे लगी, थोड़ी देर में ही मासूम के मुंह से झाग निकलने लगा और वह अचेत होकर जमीन पर गिर पड़ा, तुरंत उसे कुरूद सिविल अस्पताल लाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
इस दर्दनाक घटना के बाद से परिजन गुस्से में हैं और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि 15 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपी अशोक शर्मा को न तो गिरफ्तार नही कर पाई है। मामला उजागर होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस घटना कै गंभीरता से लेते हुए फर्जी इलाज करने वालों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आईएमए ने प्रशासन एवं सरकार से आरोपी मेडिकल संचालक पर कठोर कार्रवाई की मांग की है, बल्कि प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम कसने और उनके खिलाफ कड़े कानून बनाने की मांग की है।
इधर, परिजनों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारी जाँच के नाम पर समय बिता रहे हैं। जिससे आरोपी को बचने की मोहलत मिल रही है। यह भी पता चला है कि फरार आरोपी के परिजन इस मामले से जुड़े लोगों को रुपये पैसों का लालच देकर केस रफा-दफा करवाने का प्रयास कर रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर मासूम लोगों की जान से खेलने वाले झोलाछाप कथित डाक्टरों का हौसला बढ़ेगा। इससे प्रशासन और सरकार की साख पर सवालिया निशान खड़े हो सकते हैं। इस बारे में कुरुद थाना प्रभारी राजेश जगत ने बताया कि आरोपी अशोक शर्मा के विरुद्ध बीएनएस की धारा 106-3 एवं 271 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट मिलने के बाद कुछ धाराएं और बढाई जा सकती है। पुलिस फरार आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लेगी।


