धमतरी

अजय के मंत्री नहीं बनने से समर्थक मायूस
20-Aug-2025 10:24 PM
अजय के मंत्री नहीं बनने से समर्थक मायूस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कुरुद, 20 अगस्त। कई बार टलने के बाद आखिरकार छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार में मंत्री मंडल का विस्तार हो ही गया। हरियाणा फार्मूले से 3 नये मंत्रियों की भर्ती सरकार में कर ली गई है। लेकिन इसमें धमतरी जिला को शामिल नहीं करने से लोगों को निराशा ही हाथ लगी है। खासकर कुरुद विधानसभा में उम्मीद से भरे पूर्व मंत्री समर्थक सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी भडास निकाल पार्टी की रीति निति पर सवाल उठा रहे हैं।

गौरतलब है कि बुधवार को प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्रीमंडल विस्तार करते हुए 3 नये मंत्रियों को शामिल किया गया है। सरकार गठन के समय पार्टी के निति निर्धारकों ने मुख्यमंत्री सहित अधिकांश नये चेहरे पर भरोसा जताया था। लेकिन अब तक सरकार की परफॉरमेंस को देखते हुए पार्टी के भीतर से ही कुछ अनुभवी नेताओं को सरकार में शामिल करने की मांग उठने लगी थी। जिससे 5 बार के विधायक एवं 2 बार मंत्री रह चुके कुरुद विधायक को फिर से केबिनेट मंत्री बनने की संभावना बलवती होने लगी थी।

कुरुद विधानसभा के लोगों ने आज कल करते करते इसी उम्मीद से करीब डेढ़ साल गुजार दिया। अब जाकर हुए मंत्री मंडल विस्तार में भी कुरुद को जगह नहीं मिली तो समर्थकों की उम्मीद पर पानी फिर गया। कल से ही सोशल मीडिया में जमीनी स्तर के कार्यकर्ता अपने दु:ख और गुस्से को शब्दों में पिरोकर निति निर्धारकों को कोसने लगे हैं। एक ने कहा कि जब पार्टी विपक्ष में थी तब हमारे नेता ने पांच साल भूपेश सरकार से टक्कर लेकर भाजपा को सत्ता में लाने का रास्ता तैयार किया, लेकिन सत्ता मिलते ही उन्हें दुध से मक्खी की तरह अलग कर दिया गया।

अनुभवी नेताओं को घर बिठा नये लोगों के सहारे चल रही सरकार के मंत्रियों का प्रदर्शन और ब्यूरोक्रेसी में ढीली पकड़ को देखते हुए सरकार में अनुभवी और दंबग नेताओं को शामिल करने की मांग को अनदेखा कर आयतित चेहरों को मौका दिया गया। एक दुखी समर्थक ने लिखा कि केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं तथा पार्टी के हर कार्यक्रम को विभिन्न मंचों पर मजबूती से रखने वाले हमारे नेता ने सदस्यता अभियान में भी टॉप पोजीशन हासिल की लेकिन उनकी मेहनत और समर्पण का उन्हें क्या शिला मिला। एक अन्य समर्थक ने लिखा कि नये भारत में अब दरी बिछाने और झंडा लगाने वाले कट्टर भाजपाई अब मिक्सर-ग्राइंडर की चटनी जैसे हो गए हैं-मेहनत खूब, पर स्वाद फीका। और कांग्रेस से आए नेता सिलबट्टा चटनी बन गए हैं-जिनका स्वाद चटपटा बताकर पार्टी बार-बार परोस रही है। इसी तरह की प्रतिक्रिया से व्हाट्सएप के चैट बाक्स भरे पड़े हैं।

इस मामले में बड़े पार्टी पदाधिकारी एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधि अनुशासित पार्टी कार्यकर्ता का धर्म निभाते हुए चुप्पी साधे बैठे है, लेकिन उनकी बॉड़ी लैंग्वेज मनोदशा को दर्शा रही है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा होने लगी है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को उपराष्ट्रपति बनाने से वहाँ छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष को गवर्नर बनाकर भेजा जा सकता है। और कुरुद विधायक को नया विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व सौंपा जा सकता है। सूत्रों की माने तो संसदीय ज्ञान से भरपूर अजय चन्द्राकर को अध्यक्ष बनाने से सरकार पर अंदर और बाहर से होने वाले हमले को रोका जा सकता है। सरकार में शामिल होने की उम्मीद खत्म होने के बाद इस तरह की चर्चा से क्षेत्र में फिर से एक नई उम्मीद जन्म लेने लगी है। इसमें कितनी सच्चाई है इसका पता तो आने वाले कुछ दिनों में चल ही जाएगा। लेकिन कहते हैं ना कि उम्मीद पर दुनिया कायम है....।


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