धमतरी

सोसायटियों में डीएपी खाद की किल्लत, किसान आंदोलन की राह पर
12-Jun-2025 8:08 PM
सोसायटियों में डीएपी खाद की किल्लत, किसान आंदोलन की राह पर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कुरुद, 12 जून। कई दिनों तक हुई जोरदार बारिश के बाद किसान अब खरीफ फसल की तैयारी में जुट गये हैं। लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा सोसायटियों में जरुरी खाद की कमी खड़ी कर रही है। विपक्ष के नेता इस मुद्दे को लेकर पहले ही आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। किसानों को खाद के लिए दर-दर भटकते देख अब सत्ता पक्ष के करीब रहने वाले नेता भी किसान हित में मुखर हो आंदोलन की चेतावनी देने लगे हैं।

गौरतलब है कि खरीफ सीजन में सरकार किसानों के लिए सहकारी सोसायटियों के माध्यम से खाद बीज दवा वितरण की व्यवस्था की है। जहां यूरिया, सुपर फास्फेट,पोटाश जैसे खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन डीएपी, ग्रोमोर खाद की किल्लत शुरू से बनी हुई है। जिसको लेकर किसानों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। लेकिन इस विषय को लेकर अभी तक क्षेत्रीय सांसद, विधायक और सोसाइटियों के किसी भी प्राधिकृत अध्यक्ष ने किसानों के हित में कुछ नहीं कहा है। लेकिन कुरूद के पूर्व कांग्रेसी विधायक लेखराम साहू काफी पहले ही इस मुद्दे को उठा प्रशासन को डीएपी उपलब्ध कराने अन्यथा आंदोलन का सामना करने की चेतावनी दे चुके हैं।

अब कुरुद सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष एवं किसान नेता चन्द्रशेखर चंद्राकर भी किसानों के पक्ष में खुलकर सामने आ गए हैं।  उन्होंने अपने बयान में कहा कि यह विडंबना है कि किसान हितैषी कहलाने वाली सरकार किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराने में असमर्थ दिख रही हैं। कृषि मंत्री, सहकारिता मंत्री, मुख्यमंत्री किसानों की मांग के बारे में क्यों नहीं सोच रहे हैं। जबकि किसान डीएपी ,ग्रोमोर खाद के लिए सोसाइटियों के चक्कर लगाने विवश हो रहे हैं।

किसान नेता श्री चंद्राकर से बताया कि जल्द ही स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो सरकार के प्रति किसानों में आक्रोश बढेगा जो आंदोलन का रूप ले सकता है। उन्होंने खुले बाजार में बिकने वाली खाद की गुणवत्ता को लेकर भी संदेह जताया है।

इसी तरह भारतीय किसान संघ के जिला पदाधिकारी लालाराम चन्द्राकर, सिन्धु बैस, दुलारसिंह सिन्हा ने बताया कि सोसायटियों में डीएपी खाद की कमी दूर करने के लिए कलेक्टर, एसडीएम, वरिष्ठ कृषि अधिकारी को पहले ही ज्ञापन देकर किसानों की चिंता से अवगत करा चुके हैं। इस मुद्दे पर हम संबंधित अधिकारियों को जब फोन करते हैं तो वें हमारा फोन तक नहीं उठाते। प्रशासन की इस उदासीनता देख लगता है कि अब इस मुद्दे को उचित फोरम में उठा सांसद और विधायक ही ठीक कर सकते हैं।

इस मामले में कॉपरेटिव बैंक कुरुद के शाखा प्रबधक टीके बैस ने बताया कि क्षेत्र की नौ सोसायटियों में गत वर्ष की तुलना में अब तक 57 फीसदी ही 20-20-0,12-32-16 एनपीके खाद की आपूर्ति की गई है। जिसे शुरुआत में ही किसानों को दे दिया गया। शासन को और मांगपत्र भेजा गया है। डबल लॉक में खाद आते ही समितियों के माध्यम से किसानों को एनपीके खाद की आपूर्ति की जाएगी।


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