धमतरी

तीन जवान बेटों की मौत से दुखी साहू परिवार को नाड़ी वैद्य ने दी आर्थिक मदद
14-Apr-2025 3:45 PM
तीन जवान बेटों की मौत से दुखी साहू परिवार को नाड़ी वैद्य ने दी आर्थिक मदद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
कुरुद, 14 अप्रैल।
पीडि़त मानवता की मदद से बड़ा कोई धर्म नहीं इस ध्येय वाक्य को चरितार्थ करते हुए बालोद जिले के प्रसिद्ध नाड़ी वैद बीरेंद्र देशमुख ने कुरुद ब्लॉक के एक पीडि़त परिवार को 51 हजार की आर्थिक मदद देकर ढांढस बंधाया। परिजनों के अलावा साहू समाज ने गुरुजी का अभार जताया है। 

 गौरतलब है कि कुरूद जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत मौरीकला निवासी 55 वर्षीय सरोज साहू के घर बीते 4 सालों से लगातार हादसे हो रहे हैं। पहले मंझले बेटे धनेश्वर साहू की हार्टअटैक से मौत हो गई। डेढ़ साल पहले बड़ा बेटा रोहित सडक़ हादसे का शिकार हो गया। परिवार अभी इस दुख से उबर भी नहीं पाया था कि 5 अप्रैल को सबसे छोटे बेटे मलेश की भी सडक़ दुर्घटना में मौत हो गई।

तीनों बेटों की अकाल मौत से सुने घर में विधवा बहुओं की विलाप और छोटे-छोटे बच्चों का रोना देख पिता सरोज साहू मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह टूट बीमार हो गए। 2 दिन पहले ही उन्हें अस्पताल से घर लाया गया है। अपने भक्तों से इस दुखद घटना की जानकारी मिलते पर 11अप्रैल को बालोद जिले के 64 योगिनी मोक्ष सेवा संस्थान लिमोरा के संस्थापक बीरेंद्र देशमुख मौरीकला पहुंचे। 

 

उन्होंने दुखी परिवार को ढांढस बंधाते हुए बच्चों की शिक्षा के लिए 51 हजार की नगद आर्थिक मदद देकर समाज के समक्ष एक अच्छा उदाहरण पेश किया। इस मौके पर नाड़ी वैद श्री देशमुख ने कहा कि उंच-नीच जाति-धर्म की भावना से उपर उठ मैं सबका और सब मेरे है यही सोचकर मैं अपने सामर्थ्यनुसार लोगों के दुख में शामिल होते रहता हूँ। 

उन्होंने बताया कि धर्म शास्त्रों में नर सेवा को नरायण सेवा का दर्जा दिया गया है, लेकिन आज का संत समाज पथभ्रष्ट होकर मनाव मानव में भेद पैदा कर वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से खिलवाड़ कर रहा हैं। इससे देश का माहौल बिगडऩे लगा है। प्रदेश साहू संघ पदाधिकारी ओमप्रकाश साहू, दयाराम,हलधर साहू ने साहू परिवार की मदद के लिए पहुंचे गुरु जी का आभार व्यक्त करते हुए इस पहल को अनुकरणीय बताया। इस अवसर पर शिवेंद्र साहू, चंद्रशेखर साहू, योगेंद्र साहू, महेंद्र गावडे, उत्तम,प्रकाश साहू, भारतलाल, विमल, विश्राम, पवन साहू, राकेश निषाद, बुधियारिन साहू, शांति, लेखाबाई, किरण, लीला, पद्मणी, वेदप्रकाश साहू आदि मौजूद थे। 


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