धमतरी

पुलिस हिरासत में युवक की मौत, साइबर के सभी 11 कर्मी लाइन अटैच
09-Apr-2025 4:27 PM
पुलिस हिरासत में युवक की मौत, साइबर  के सभी 11 कर्मी लाइन अटैच

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 9 अप्रैल।
भंवरमरा निवासी दुर्गेश कठौलिया की साइबर सेल की कस्टडी में मौत हो गई। एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने निरीक्षक सन्नी दुबे को निलंबित किया। घटना के हफ्तेभर बाद साइबर सेल में पदस्थ 11 पुलिसकर्मियों को एक साथ लाइन अटैच कर दिया।

इधर, पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज की ओर से गठित जांच टीम 8 अप्रैल को देर शाम अर्जुनी थाना पहुंची। टीम ने घटनाक्रम की बिंदुवार जांच की। 5 अप्रैल को टीम संयोजक विधायक कुंवर सिंह निषाद, विधायक संगीता सिन्हा, अंबिका मरकाम, ओंकार साहू और जिलाध्यक्ष शरद लोहाना ने मृतक के गांव भंवरमरा जाकर परिजनों से मुलाकात की। मृतक की पत्नी दुर्गा, मां सुशीला और पिता लक्ष्मण कठौलिया से बातचीत की। परिजनों ने निलंबित टीआई समेत 3 अन्य पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया।

पुलिस प्रशासन मामले को दबाने में जुटी, आरोप
जांच समिति मृतक के गृहग्राम भंवरमरा (राजनांदगांव) पहुंची। मृतक की पत्नी दुर्गा कठोलिया और दो नन्हें बच्चे थे। सदस्यों द्वारा पूछने पर उनकी पत्नी ने बताया कि 29 मार्च दिन शनिवार को परिवार सहित रतनपुर मंदिर से दर्शन कर वापस लौट रहे थे। शाम 6.30 बजे के आसपास दुर्ग के डी-मार्ट में जब समान खऱीददारी के दौरान कुछ पुलिस सिविल ड्रेस में आये और मृतक दुर्गेश कठोलिया को मेरे व मेरे बच्चों के सामने बेरहमी से बर्बरता पूर्वक पीटा। बिना एफआईआर रिपोर्ट दिखाये दुर्गेश कठोलिया को गाड़ी में बिठा कर उनका वाहन जब्त कर उन्हें धमतरी जिले के अर्जुनी थाना ले गए। दोनों बच्चों को डराकर जेल में डालने व महिला कांस्टेबल बुलाने की धमकी देकर रोते हुए बेबस हालात में छोडक़र बेरहम पुलिस वाले चले गए। जैसे-तैसे अपने परिजन के पास फोन से बात कर  घटना की जानकारी दिए।  रात 12.15 बजे थाना प्रभारी ने मृतक के पत्नी के पास फोन लगाया। मृतक के पत्नी ने रोते हुए बार-बार अपने पति का पता पूछने लगे पर पुलिस ने उनके पति का स्पष्ट लोकेशन नहीं बताकर उन्हें गुमराह में रखने का प्रयास किया। 30 मार्च रविवार को सुबह मृतक के पत्नी, माता व पिता घर से धमतरी पहुंच कर अपने परिचित से जानकारी लेकर रुद्री थाना व अर्जुनी थाना में पूछताछ किया। तभी खूब मशक्कत करने के बाद पता चला की दुर्गेश कठोलिया को अर्जुनी थाना में बर्बरता पूर्वक पीटकर बंदी बनाकर रखा गया था।  

दुर्गेश के परिवार 6 बजे भंवरमरा राजनांदगाव के लिये चले गये, उसी रात्रि 8 बजे के आस पास 8 से 9 पुलिस वालो नें दुर्गेश कठोलिया को गंभीर अधमरे हालत में मारपीट कर जंजीर से बांधकर उनके घर भंवरमरा के लिए पहुंचे। उनके घर में पुलिस नें मृतक दुर्गेश को लोहे की जंजीर से मार-मार कर बुरी तरह चोटिल कर उन्हें ठीक से खडे होने के लायक भी नहीं छोड़ा और उनका शरीर मार के कारण काला पड़ गया था। ऊपर 12 करोड़  का आरोप लगाया गया, लेकिन उस गरीब के घर से पुलिस के छानबीन के बावजूद 12 हजार रूपये भी नहीं मिले। 

बल्कि घर से पास बुक, सुकन्या समृद्धि के खाते, इंसोरेंस समेत अन्य दस्तावेज को पुलिस ने अपने पास रख लिया, परिजनों ने बताया इस दौरान बेरहम पुलिस नें परिवार से केस रफा-दफा  करने के नाम पर 50 लाख का डिमांड करने लगे और एक किसान अपने आप को भाजपा नेता बताकर धौंस दिखाकर परिवार को डराने लगे। 

 

 

इस तरह पुलिस वापिस रात्रि 12 बजे  बेरहमी से मारते हुए मृतक दुर्गेश कठोलिया को अर्जुनी थाना के लिये ले गए। परिवार का कहना कि इसी रात ही पुलिस कस्टडी में बेदर्दी से मार के कारण दुर्गेश कठोलिया कि मृत्यु हो चुकी थी। तब पुलिस अपने को बचाने के चक्कर में 31 मार्च दिन को सुबह 7 बजे के आस - पास 2-3 पुलिस कर्मी के साथ पुन: उनके घर भंवरमरा पहुचे और मृत दुर्गेश को तबियत खऱाब बताकर इलाज करवाने के अनुमति के नाम पर परिवार को गुमराह कर पोस्ट मॉर्डम पत्र पर हस्ताक्षर करवाने डराने धमकाने लगे। मगर परिवार जनों ने पुलिस के द्वारा लाये पोस्टमार्टम के लिए अनुमति फ़ॉर्म में हस्ताक्षर नहीं किये और हम अपने बेटे को देखें बगैर हस्ताक्षर नहीं करने का निर्णय लिया। लावारिस लास समझकर पुलिस वाले उनके परिजन को देखने भी नहीं दे रहें थे।

इन पुलिस कर्मियों को किया अटैच
घटना के बाद एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने निरीक्षक सन्नी दुबे को निलंबित किया। साथ ही साइबर सेल में पदस्थ 11 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया। इनमें प्रधान आरक्षक लोकेश नेताम, आरक्षक युवराज ठाकुर, कृष्ण कन्हैया पाटिल, विकास द्विवेदी, मनोज साहू, मुकेश मिश्रा, आनंद कटकवार, फनेश साहू, योगेश नाग, दीपक साहू और किशोर देशमुख शामिल हैं। इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में हडक़ंप मच गया।


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