धमतरी

भोथीडीह में पानी की पाठशाला, नुक्कड़ नाटक, रंगोली स्पर्धा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 4 अप्रैल। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने कलेक्टोरेट परिसर से वाटरशेड रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ जिले के मगरलोड विकासखंड के विभिन्न गांवों में पहुंचकर जल संरक्षण और भूमि संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक करेगा। ग्रामीणों को इस रथ के माध्यम से पानी बचाने, पानी का समुचित उपयोग करने, जमीन के उर्वरा शक्ति को बचाने-बढ़ाने के लिए किए जाने वाले उपायो की जानकारी ऑडियो वीजुअल माध्यम से दी जाएगी।
जिले में यह रथ जलग्रहण मिशन कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से भूमि संसाधन विभाग ग्रामीण विकास मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा भेजा गया है। यह रथ दो अप्रैल को धमतरी पहुंचा है। उप-संचालक कृषि मोनेश साहू ने बताया कि ग्रामीणों में जल संरक्षण, भू-संरक्षण एवं पौध सम्रक्षण को बढ़ावा देकर लोगों को सजग करने और आने वाली पीढ़ी को जल जगल एवं जमीन को बचाने की जानकारी देना के उद्देश्य से यह यात्रा शुरू की गई है। जिले में गर्मी के मौसम में गिरते हुए भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए बारिश के पानी को संरक्षित करने और पानी का सदुपयोग करने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग, वाटरशेड सरचना आदि के साथ ही कम पानी वाली फसलों दलहन-तिलहन लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। वाटरशेड यात्रा रथ पहुंची भोथीडीह, आयोजित हुए कार्यक्रम कलेक्टोरेट परिसर से खाना होकर यह वाटरशेड यात्रा रथ मगरलोड विकासखण्ड के ग्राम भोथीडीह स्थित माइक्रोवाटरशेड समिति पहुंची, जहा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। अधिकारियों ने लोगों जागरूक करते हुए यात्रा के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इसके कुशल संचालन एवं वाटरशेड विकास कार्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार भूमि संसाधन विभाग ग्रामीण विकास मत्रालय, नई दिल्ली द्वारा जिले के मगरलोड विकासखंड के भोथीडीह माइक्रोवाटर शेड समिति में वाटरशेड यात्रा के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान जल सरक्षण में भागीदारी निभाने ग्रामीणों को जागरूक किया गया। बारिश के पानी को सरक्षित करने जानकारी दी गई। इसके लिए मिट्टी और पक्के वाटरशेड सरबनाओं जैसे स्टापडेम, चेकडेम, कुआ तालाब, डबरी गलीं प्लग, कंटूर ट्रेंच, सोखपीट एव पौधारोपण आदि के माध्यम से संरक्षित करने पर जोर दिया गया। यह भी बताया गया कि इस वाटरशेड यात्रा का मुख्य उद्देश्य जल, जंगल, जमीन को संरक्षित करना है।
इस अवसर पर रैली, पानी की पाठशाला, नुक्कड नाटक, रंगोली प्रतियोगिता, पानी बचाने के संबंध में शपथ और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।