धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 6 फरवरी। नगर पंचायत कुरुद के 15 वार्डों में निवासरत 11255 मतदाताओं को रिझाने अध्यक्ष के 4 और पार्षद पद के 35 दावेदार एड़ीचोटी का जोर लगा रहे हैं। मतदान के चार दिन शेष रहते भी पलड़ा बराबरी का लग रहा है। जिससे प्रत्याशियों के साथ पार्टी रणनीतिकारों की धडक़ने तेज हो रही है। साधन और मानव संसाधन के मामले में भाजपा ने बढ़त बना रखी है। कांग्रेस में नेता कार्यकर्ता और गांधीजी की कमी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
कुरुद में नगर पंचायत के अस्तित्व में आने के बाद से भाजपा ने दो बार निरंजन सिन्हा फिर ज्योति चन्द्राकर और रविकांत चन्द्राकर की अगुवाई में बीस बरस तक नगर में राज किया। इस काल में कुरुद कस्बाई चोले से बाहर निकल शहरी लिबास में सजने लगा। साल दर साल स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी, सडक़ आदि बुनियादी सुविधाओं का दायरा बढने लगा। इस बीच क्षेत्रीय विधायक को राज्य सरकार का हिस्सा बनने का मौका मिलता रहा।
नगर विकास के उस स्वर्णिम दौर में देखते ही देखते यहाँ की तस्वीर ऐसी बदली कि दूसरे शहरों को रश्क होने लगा। शुरुआत में तत्कालीन विधायक गुरुमुख सिंह होरा के रहते यहाँ के लोगों ने कांग्रेस को भी मौका दिया था। राजकुमारी दीवान के अध्यक्षीय कार्याकाल के बीच वर्षाऋतु में हुए सडक़ डामरीकरण को लेकर भाजपा नेता आज तक ताना मारते हैं।
पांच साल पहले भूपेश कका के राज में जनता ने 15 में से 14 पार्षद जीताकर कांग्रेस को फिर मौका दिया। पार्टी ने तपन चन्द्राकर के हाथ में नगर की कमान सौंपी।
बीते 5 साल में 45 करोड़ से अधिक के काम हुए, लेकिन सही सोच के अभाव में दिशाहीन विकास कोई उपलब्धि नहीं बन सका। पार्टी की साख में कोई बड़ा बट्टा नहीं लगा और वह अपने उजले चेहरे के साथ चुनाव में खड़ी है। लेकिन पांच साल में एक बार हर पार्टी को जनता की अदालत में अपने किए-धरे का हिसाब लेकर जाना पड़ता है। इस चुनाव में भी कांग्रेस ने अध्यक्ष तपन चन्द्राकर सहित अधिकांश पुराने पार्षदों पर ही भरोसा जताया है।
वार्ड क्रमांक 1 में पुराने पार्षद उत्तम साहू को टिकट दी गई। जवाब में भाजपा ने समान्य वर्ग के मोहन अग्रवाल को मैदान में उतार यह संदेश दिया है कि अगर वे जीते तो उन्हें दुसरी बार उपाध्यक्ष बना इस वर्ग की नाराजगी को कम किया जा सकें। वार्ड 2 में कांग्रेस ने अपने युवा तुर्क डुमेश साहू को दुसरी बार मौका दिया है। भाजपा ने शोसल इंजीनियर का दांव खेलते हुए इस अनारक्षित सीट से अजा वर्ग के लोकेश जांगड़े को मैदान में उतारा है। आरक्षण के चपेट में आये वार्ड 7 के पूर्व पार्षद रजत चन्द्राकर को कांग्रेस ने इस बार वार्ड 3 से टिकट दी है। जबकि भाजपा ने स्थानीय नवीन यादव को टक्कर में उतारा है। अजा आरक्षित वार्ड 4 में भी कांग्रेस ने अपने पुराने चेहरे रोशन जांगड़े पर भरोसा जताया है। लेकिन भाजपा ने युवा महेन्द्र गायकवाड़ पर दांव लगाया है।
पांच जनपथ के नाम से मशहूर वार्ड क्रमांक 5 में कांग्रेस ने पढ़े लिखे और तेज तर्रार युवा दिवाकर चन्द्राकर को किला ढहाने की जिम्मेदारी दी है। जबकि भाजपा ने बड़े आराम से पूर्व पार्षद मिथलेश बैस को टिकट देकर अपने कॉन्फिडेंस का खुबसूरत उदाहरण पेश किया है। वार्ड 6 में इस बार 4 उम्मीदवार मैदान में हैं। पिछले चुनाव में इसी वार्ड से निर्दलीय चुनाव जीतकर तपन सरकार के सहयोगी बने राघवेंद्र सोनी को कांग्रेस ने इस बार पंजा का सहारा दिया है। भाजपा ने यहाँ सितेश सिन्हा को प्रत्याशी बनाया है। लेकिन यहाँ के दो निर्दलीय प्रत्याशी किसका भला करेगें यह देखना बाकी है।
वार्ड क्रमांक 7 में कांग्रेस ने राजनीतिक परिवार की बड़ी बहु उर्वेशी चन्द्राकर को टिकट दी है। जवाब में भाजपा ने व्यापारिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली सुरेखा चन्द्राकर को आगे किया है। वार्ड क्रमांक 8 के अधिकृत प्रत्याशी द्वारा टिकट लौटाने के बाद डमी उम्मीदवार मुकेश साहू को बी फार्म देकर कांग्रेस ने लाज बचाने की सोची है। जबकि भाजपा ने रवि मानिकपुरी को मैदान मारने का मौका दिया है। लेकिन यहाँ के निर्दलीय योगेश गुरुजी किसका खेला करेंगे कहना मुश्किल है। वार्ड क्रमांक 9 में कांग्रेस ने नोमीन साहू और भाजपा ने कवीता चन्द्राकर पर दांव लगाया है।
वार्ड 10 में दो सगे भाई भाजपा, कांग्रेस से आमने सामने हैं। वार्ड 11 में दो राजकुमारी चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने राजकुमारी ध्रुव और कांग्रेस ने पूर्व पार्षद की पत्नी राजकुमारी कंवर को भाग्य आजमाने का मौका दिया है। वार्ड 12 नपं अध्यक्ष के गृह वार्ड में उनकी पत्नी पूर्व पार्षद राखी चन्द्राकर को दूसरी बार टिकट दी है। भाजपा ने जवाब में अपनी पुरानी पार्षद भारती पंचायन को वापसी का एक और मौका दिया है।
वार्ड 13 में भाजपा ने एक कैटरिंग व्यवसायी उत्तम साहू को टिकट देकर कांग्रेस के पूर्व विधायक पुत्र, विधानसभा युकांध्यक्ष देवव्रत साहू को चुनौती दी है। इस वार्ड में दो निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में हैं। इसका नफा नुकसान का आंकलन परिणाम आने के बाद ही किया जा सकता है।
वार्ड 14 में कांग्रेस ने बेफिक्र होकर अपने भरोसेमंद पार्षद मनीष साहू को आगे किया है। जवाब में भाजपा ने कभी पार्षद रहे विनोद चन्द्राकर को फिर से मुख्य धारा में शामिल होने का अवसर दिया है। वार्ड 15 में कांग्रेस ने नपं उपाध्यक्ष मंजू साहू को मैदान में उतारा है। भाजपा ने यहाँ अनुराधा साहू को आगे किया है। नगर की दो दलीय व्यवस्था के बीच आम आदमी पार्टी के विनोद सचदेव और कांग्रेस के बागी योगेश चन्द्राकर भी अध्यक्ष पद के लिए मजबूती के साथ चुनाव लड़ रहे हैं।