धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 31 जनवरी। भाजपा द्वारा जिला पंचायत सदस्य चुनाव के लिए जिलाध्यक्ष प्रकाश बैस द्वारा पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा से नगरी में बवाल मच गया। भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय नगरी में जमकर हंगामा और तोडफ़ोड़ की। जिलाध्यक्ष पर पैसा लेकर टिकट बेचने का आरोप लगाकर कम्प्यूट, कुर्सी-टेबल को तोड़ा। आग लगा दिया। जिलाध्यक्ष का पुतला भी फूंका। इस घटना को लेकर जिले में भाजपा की राजनीति गरमा गई है। जिलाध्यक्ष प्रकाश बैस ने कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। प्रदर्शन करने वाले सभी पार्टी के कार्यकर्ता है। इसे आपस में मिल-बैठकर सुलझा लेंगे।
जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 3 चरणों में 17, 20 और 23 फरवरी को होगा। पहले चरण में 17 फरवरी को मतदान होना है। चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसके देखते हुए 30 जनवरी को भाजपा जिलाध्यक्ष प्रकाश बैस ने जिला पंचायत सदस्य चुनाव के लिए पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा की। 13 सदस्यों वाले जिला पंचायत में 3 सीट नगरी क्षेत्र में आते है। पार्टी ने यहां से क्षेत्र क्रमांक-11 में अजय ध्रुव छुही, क्षेत्र क्रमांक-12 में अरूण कुमार सार्वा सांकरा तथा क्षेत्र क्रमांक-13 में गरिमा नेताम कसपुर को टिकट दिया है, जिस पर नगरी के भाजपा कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र क्रमांक-12 के प्रत्याशी अरूण कुमार सार्वा के नाम पर आपत्ति जताई है। जैसे ही जिलाध्यक्ष बैस ने प्रत्याशियों की घोषणा की, नगरी में भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी और आक्रोश भडक़ गया। भाजपा कार्यालय में पहुंचकर तोडफ़ोड़ शुरू कर दिया।
भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि इस क्षेत्र में पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता निखिल साहू और शैलेन्द्र धेनु सेवक दावेदारी की थी, लेकिन पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दिया, जिसका पार्टी में योगदान नहीं है। कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुई है। कार्यकर्ताओं ने गुस्से में कार्यालय के अंदर तोडफ़ोड़ किया।
सामूहिक इस्तीफा देने की चेतावनी
टिकट वितरण को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा इतना ज्यादा था कि भाजपा कार्यालय में रखे सामानों को बाहर निकालकर उसे आग के हवाले कर दिया। टिकट बिकता है करके फ्लेक्स लगाकर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष का पुतला भी जलाया। माहौल को देखते हुए पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।
कार्यकर्ताओं का स्पष्ट कहना है कि यदि उस क्षेत्र के टिकट को बदला नहीं किया तो सामूहिक इस्तीफा दे देंगे। अब देखना होगा कि भाजपा अध्यक्ष और संगठन इस मामले में क्या निर्णय लेता है। प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई होगी या फिर टिकट बदला जाएगा।