धमतरी

मोटिवेशनल कार्यक्रम में छात्रों को हनुमान चालीसा का पाठ कराया
09-Jan-2025 3:15 PM
मोटिवेशनल कार्यक्रम में छात्रों को हनुमान चालीसा का पाठ कराया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 9 जनवरी।
पुरानी कृषि उपज मंडी धमतरी में श्रीराम कथा जारी है। कथा के दौरान छात्रों के लिए मोटिवेशनल कार्यक्रम हुआ। छात्रों को हनुमान चालीसा का पाठ कराया। कथावाचक अतुल कृष्ण महाराज ने छात्रों को मोटीवेट कर समय का सदुपयोग करने, असफलता से निराश नहीं होने कहा।

उन्होंने कहा कि आज के छात्र-छात्रा छोटी सी असफलता से घबराकर आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठा लेते हैं। उनके लिए अब्दुल कलाम की कहानी को सुना कर बताया कि जब कलाम 10 वर्ष की आयु में थे, तो उनका सपना फाइटर पायलट बनने का था। वह पढ़ाई कर लिखित परीक्षा पास किए। जब इंटरव्यू के लिए गए। इस दौरान दक्षिण भारत के एक साइंटिस्ट ऋषिकेश में सन्यासी हो गए थे, जिनका नाम शिवानंद था। उनके पास रुके। इसके बाद इंटरव्यू देने जब पहुंचे तो वह फेल हो गए। गंगा में कूदने ही वाले थे, तभी शिवानंद स्वामी पहुंचे। स्वामी जी ने समझाया कि भगवान आपको पायलट नहीं कुछ और बनाना चाहते हैं। उन्होंने उनको गीता का ज्ञान दिया। इसी वजह से कलाम अंतिम समय तक गीता के श्लोक को कंठस्थ याद रखे। इसलिए यदि परीक्षा में कभी भी फेल हो जाए या कम अंक मिले तो निराश ना हो। हो सकता है कि इसके अलावा आपके लक्ष्य और कहीं हो।

बड़ों का आशीर्वाद लेकर घर से बाहर निकलें
आशीर्वाद का एक अलग महत्व होता है। जब भी आप बाहर निकले अपने बड़ों का प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त कर ही बाहर निकले। जीवन में गुण और दोष दोनों होते हैं। ज्ञान ही दोष और गुण को अलग-अलग कर सकते हैं। ज्ञान वह है, जिसकी बुद्धि हंस जैसे होती है। जो दोष को छोडक़र गुण को अपना लेता है वह हंस होता है। जो राम के ज्ञान का चिंतन कर लेगा, वह परमहंस बन जाएगा। भगवान हनुमान के गुणों का बखान करते हुए कथावाचक ने कहा कि हम उनसे बल और बुद्धि दोनों मांगते हैं। लेकिन आज के बच्चे मोबाइल के लत में पड़े हुए हैं। जिसकी वजह से न तो उनके पास बल आ रही है और ना ही बुद्धि आ रही है। जीवन का प्रत्येक सेकंड अमूल्य है। 12 से 24 वर्ष का उम्र जीवन में सीखने का उम्र होता है। यह जीवन का कीमती समय है। इसी समय करियर बनता है। जो समय का सदुपयोग करेगा, वह हीरो बन जाएगा और जो गवाएगा वह जीरो बन जाएगा। 24 वर्ष तक इस समय का उपयोग करें। 
24 वर्ष बाद बल और बुद्धि दोनों का सदुपयोग करना है।

 


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