धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 7 जनवरी। सोसायटियों में धान खरीदी के लिए तय समय से तीन सप्ताह पहले तक कॉपरेटिव बैंक कुरुद अंतर्गत आसपास की नौ सोसायटियों में 75 फीसदी धान समर्थन मूल्य में खरीद लिया गया है। शुरुआत में टोकन और अब परिवहन व्यवस्था को छोडक़र देखा जाए तो सबकुछ ठीक चल रहा है। जिसके चलते विपक्ष को कोई मौका नहीं मिल रहा है। किसान भी सरकारी इंतजाम से संतुष्ट नजर आ रहे हैं। जिसके चलते अधिकारी भी चैन की बंशी बजा रहे हैं।
ज्ञात हो कि कोपरेटिव बैंक कुरुद अंतर्गत सहकारी समिति केन्द्र कुरुद, कुहकुहा, गाडाड़ीह, मंदरौद, भाठागांव, बगौद, चर्रा, कातलबोड़, सिवनीकला में 14 नवम्बर से धान खरीदी प्रारंभ हुई। जहाँ 7 जनवरी तक करीब 75 फीसदी धान की खरीदी हो चुकी है। उपरोक्त नौ सोसायटियों में 535588 क्विंटल धान सरकारी दर पर खरीदा गया है। इसके अलावा 2615.04 करोड़ रुपये की लिकिंग कर्ज वसूली हुई है। परिवहन की बात करें तो इसकी रफ्तार जरा धीमी है लेकिन अब तक कुरुद क्षेत्र की नौ सोसायटियों से 403126 क्विंटल धान का परिवहन हो गया है। लेकिन विभिन्न धान खरीदी केन्द्र में अभी भी 132462 क्विंटल धान का स्टॉक जाम है।
शाखा प्रबंधक टीके बैस ने बताया कि अब तक बिना किसी बाधा के 75 फीसदी धान की खरीदी कर ली गई है, बारदान और भुगतान की कोई समस्या नहीं है। आवक बढऩे से तौलिया मजदूर की समस्या कुछ जगह उत्पन्न हुई जिसे ठीक कर लिया गया है। उच्चाधिकारियों के मार्ग दर्शन में परिवहन व्यवस्था में गति लाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस मामले में किसानों का पक्ष रखते हुए भारतीय किसान संघ जिलाध्यक्ष लालाराम चन्द्राकर का कहना है शुरुआत में आनलाइन टोकन सिस्टम से किसानों को परेशानी हो रही थी, लेकिन हमारे अनुरोध पर कलेक्टर ने सोसायटी में भी टोकन काटने की व्यवस्था कराई। कहीं-कहीं पर अधिक तौल की शिकायत और मृत्यु हो चुके किसानों के परिजनों को धान बेचने में हो रही अड़चन को संबधित अधिकारी से मिल दुरुस्त कराया गया।
उन्होंने प्रशासन से कहा है कि सोसाइटियों में धान विक्रय के लिए साफ जगह नहीं होती, इसलिए अन्य जिलों की तरह यहाँ भी बोरे से बोरे में पलटी कर धान खरीदी व्यवस्था लागू किया जाए। बहरहाल इस बार सरकारी धान खरीद व्यवस्था चुस्त दुरुस्त होने के चलते पौने दो महीने बीत जाने के बाद भी विपक्षी पार्टी को किसानों के पक्ष में और सरकार के विरोध में खड़े होने का कोई मौका नहीं मिला।