धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 8 दिसंबर। पोटाश बम से जख्मी हुआ सिकासेर दल के एक शावक की 7 दिसंबर को दोपहर 3.35 बजे मौत हो गई। वन विभाग और वाइल्ड लाइफ की टीम ने उसे बचाने महीनेभर प्रयास किया, लेकिन 6 दिसंबर को जमीन पर गिरे शावक ने दूसरे दिन दम तोड़ दिया। अधिकारी-कर्मचारियों की टीम ने बरसते पानी में पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार के लिए कार्रवाई की। आज अंतिम संस्कार हुआ।
ज्ञात हो कि जिले में 4 साल में 3 शावक की मौत हुई हैं। 15 जून 2020 को गंगरेल डूबान के उरपुटी में चंदा दल में शामिल एक शावक की दलदल में फंसने से दम घुटने से मौत हो गई। 27 जुलाई 2024 को पैरी नदी से करीब 3 किमी पहले चंदनबाहरा के घनघोर जंगल में शिशु हाथी की मौत दम घुटने से ही हुई थी। शावक सिकासेर दल का था। वहीं इसी दल के एक और शावक की 7 दिसंबर को मौत हो गई।
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन ने कहा कि अघन को बचाने हरसंभव प्रयास किया। हालत गंभीर थी, हम उसे नहीं बचा सके। हमने अपने परिवार का एक सदस्य खो दिया है।