धमतरी
32 फीसदी आरक्षण की मांग, उग्र आंदोलन की चेतावनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 17 नवंबर। प्रदेश सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ की आव्हान पर आदिवासी समाज के आरक्षण कटौती 32 प्रतिशत से 20 प्रतिशत करने की वजह से छत्तीसगढ़ सरकार के विरोध में मंगलवार को धमतरी जिले के नगरी एवं मगरलोड ब्लॉक के सर्व आदिवासी समाज ने केरेगांव तिराहा पर आर्थिक नाकाबंदी चक्काजाम किया।
इस दौरान बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के सामाजिक जन मौजूद रहे। सभी आदिवासी समाज के पुरोधाजन आंदोलन में सम्मिलित हुए महिलाओं ने भी आंदोलन में बढ़चढक़र हिस्सा लिया।
उड़ीसा से गट्टासिल्ली मार्ग से आने वाले मालवाहक गाड़ी और नगरी धमतरी मार्ग पर चलने वाली गाडिय़ों के पहिए थमे रहे। नगरी धमतरी मुख्य सडक़ पर आदिवासी समाज के ब्यक्ति सुबह साड़े दस बजे से लेकर शाम 4 बजे तक मुख्य मार्ग में ही बैठकर सरकार के प्रति विरोध जताते हुए आरक्षण की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे।
आंदोलन में जिला सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष जीवराखन लाल मरई ने आरक्षण निति क्या हंै और हमें आरक्षण क्यों जरूरी हंै अपनी उद्धबोधन के दौरान कहा छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहूल्य राज्य हंै जहा 32 प्रतिशत आदिवासी समाज के विभिन्न जातियों के लोग निवास करते हैं।
राज्य में आदिवासी समाज की बाहुलता की दृष्टि से देश के अन्य राज्यों की भांति छत्तीसगढ़ राज्य में भी आदिवासी समाज को आरक्षण दिया जाना चाहिए कहा साथ ही सरकार के प्रति कहा हम आदिवासी समाज की संवैधानिक अधिकार सरकार से मांग रहे हैं।
भारतीय संविधान में भी ट्राईबल समाज को संवैधानिक अधिकार दिया हंै। धरना के दौरान मगरलोड और नगरी तहसील सर्व आदिवासी समाज के तहसील अध्यक्ष उमेशसिंह देव और जगन्नाथ मंडावी ने भी छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में आदिवासी समाज के साथ राज्य सरकार की भेदभाव निति पर नराजगी जताते हुए विरोध जताया।
साथ ही आने वाले समय के लिए राज्य सरकार को चेतावनी भी दिए। वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार में सर्व आदिवासी समाज के लिए 32 प्रतिशत से 20 प्रतिशत आरक्षण कम होने से निश्चित ही पूरे प्रदेश की आदिवासी समाज को शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक सभी पहलुओं पर भारी नुकसान झेलनी पड़ेगी ।
इसी वजह से नगरी मगरलोड के सर्व आदिवासी समाज अपनी संवैधानिक अधिकार के लिए प्रांतीय आव्हान का पुरजोर समर्थन दिया। और आने वाले समय में राजधानी रायपुर में उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दिया।
सभा को सभी आदिवासी समाज के पुरोधाओं के साथ सामाजिक चिंतको ने आरक्षण और आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकार को लेकर वक्तव्य दिया।
वहीं प्रदर्शन के दौरान गोड़ समाज के जिलाध्यक्ष शिवचरण नेताम, जयपाल सिंह ठाकुर, मनोज कुमार साक्षी, सुरेन्द्र राज धु्रव, रामप्रसाद मरकाम नगरी, माधव ठाकुर मगरलोड, मयाराम नागवंशी, गायत्री कंवर, शशि धु्रव, पोखन कंवर, आनंन्द ठाकुर, अरविन्द नेताम, हृदय नाग, चमेली नेताम, रोहित दिवान, सुरेश धु्रव, संतोष कुंजाम, प्रमोद कुंजाम, संत नेताम, इंद्रावन कंवर, श्रवण मरकाम, राजाराम मंडावी, खूबलाल धु्रव, दिनेश्ववरी नेताम, बंशीलाल सोरी, हिरामन धु्रव, हेमलाल मरकाम, ईश्वर मंडावी, पिंगल गोटा, रामकुवंर मंडावी, महेश गोटा, शिवप्रसाद नेताम, तुलसीराम मंडावी, मुकेश मंडावी, नीलू छेदैहा, यतीश नगारची, हलधर शार्दूल, टिकेश्वर धु्रव, सहित मगरलोड और नगरी ब्लॉक के सर्व आदिवासी समाज के समाजिक जन भारी संख्या में मौजूद रहे।


