धमतरी

नशे का कारोबार फल-फूल रहा, रोकनेेे में पुलिस नाकाम
14-Oct-2022 3:08 PM
नशे का कारोबार फल-फूल रहा, रोकनेेे में पुलिस नाकाम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 14 अक्टूबर।
शहर में अवैध शराब, गांजा और नशीली दवाओं का कारोबार तेजी से फैल रहा है। शहर में कुछ परिवार तो ऐसे भी हैं, जो अपने घर पर परिवार सहित खुलेआम गांजे का व्यापार करते हैं। पुलिस प्रशासन को इसकी पूरी जानकारी है, लेकिन इसको रोकने की दिशा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठा पाई है।

सीएम भूपेश बघेल ने कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में नशे के बढ़ते कारोबार पर चिंता जताई थी, और पुलिस को इस दिशा में सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे। मगर विडंबना यह कि जुआ-सट्टा पर भी रोक नहीं लगा पा रहे है। पुलिस की निष्क्रियता के चलते ही अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। डीजीपी से लेकर आईजी, एसपी ने चेताया था कि जिनके क्षेत्र में अवैध कारोबार होगा, वहां के थानेदार जिम्मेदार होंगे, जबकि बीते महीने सिटी कोतवाली से महज 1 किमी दूर 14 लाख के गांजा की जब्ती हुई, लेकिन एसपी प्रशांत ठाकुर ने अब तक इस मामले में जिम्मेदारी तय नहीं की। यह कार्रवाई डीएसपी सारिका वैद्य की स्पेशल टीम ने अलसुबह करीब 5 बजे की थी।

समाजसेवी राजेश पटेल, गगन साहू, द्वारिका साहू, अविनाश गंगबेर, मोहित बनपेला, हर्ष साहू ने बताया कि शहर में विंध्यवासिनी वार्ड के गड्ढा पारा, धोबी चौक, रामबाग में गांजा अवैध रूप से बिक रहा है। जालमपुर के बजरंग चौक, भागवत चौक, साल्हेवारपारा, दानीटोला, हटकेशर, सोरिद, मकेश्वर वार्ड, स्टेशनपारा, महंत घासीदास वार्ड में अवैध शराब की बिक्री हो रही है। एसपी, एएसपी, डीएसपी, कोतवाली टीआई सभी को इसकी जानकारी जरूर है। इसकी शिकायत पूर्व में एसपी से भी हुई थी, लेकिन विड़बना यह कि अफसर अनदेखी कर रहे है।

महिलाएं भी नशे की कारोबार में लिप्त
शहर के कई इलाकों में महिलाएं नशे का कारोबार चलाती हैं। और यही वजह है कि नशे का कारोबार गहरी जड़ जमा चुका है। पुरुष महिलाओं को आगे कर यह अवैध कारोबार को बढ़ा रहे हैं। बावजूद इसके पुलिस इन पर हाथ डालने से बचती है। नशे के कारोबार व्यापक स्तर पर संचालित है। युवा इसकी गिरफ्त में आ रहे है। शहर में कई बड़े नशे के माफिया हैं, जिन पर पुलिस हाथ डालने से बचती है। वही कभी कभार दिखावी कार्रवाई के लिए छोटे-मोटे कोचियों को ही पकड़ा जाता है। शराब, गांजा बेचने का काम सुबह 6 बजे से शुरू होता है और शराब दुकान खुलने के 2 घंटे बाद तक चलता है। दोपहर 1 बजे शराब की अवैध ब्रिकी बंद कर दी जाती है। फिर रात 8 बजे से दोबारा यह काम शुरू होता है, जो रात 1 बजे तक चलता है।

प्रतिबंधित नशीली दवाओं का बड़ा कारोबार
शहर में प्रतिबंधित नशीली दवाओं का कारोबार बड़े स्तर पर चल रहा है। बावजूद अवैध कारोबार पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि शहर में चल रहे प्रतिबंधित दवाओं के कारोबार के तार रायपुर सहित देश के अन्य बड़े शहरों से जुड़े हैं। मोटी कमाई करने के लिए मेडिकल संचालक, कोतवाली के कुछ पुलिसकर्मियों से सांठगांठ कर नियमों को दरकिनार कर जिंदगियों से खेल रहे हैं। प्रतिबंधित दवाएं दोगुने से ज्यादा दामों पर बेच रहे हैं। नींद के लिए दी जाने वाली अल्प्राजोलम टैबलेट का सबसे ज्यादा अवैध कारोबार हो रहा है। क्लोनाजेपैम व अल्प्राजोलैम (नींद के लिए), कोडीन , एसिटालोप्रैम (डिप्रेशन, सुसाइडल थॉट के इलाज), एटीजोलैम (नींद व चिंता संबंधी) की भी मांग है। इन्हीं दवाओं का उपयोग बड़ी संख्या में नशेड़ी और अपराधी भी कर रहे हैं। 50 से 100 रुपए के टेबलेट को 300 रुपए में बेचा जा रहा है।

 


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