धमतरी

जिला अस्पताल में नि:शुल्क डायलिसिस शुरू, कलेक्टर ने किया शुभारंभ
13-Sep-2022 2:48 PM
जिला अस्पताल में नि:शुल्क डायलिसिस शुरू, कलेक्टर ने किया शुभारंभ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 13 सितंबर। 
जिला अस्पताल धमतरी में सोमवार को 4 बिस्तर का डायलिसिस सेंटर शुरू हो गया। महापौर विजय देवांगन, कलेक्टर पीएस एल्मा ने डॉक्टरों की उपस्थिति में इस सेंटर की शुरुआत की गई। इसके बाद दिनभर में 3 मरीजों का डायलिसिस किया गया। डायलिसिस सेंटर का सेटअप करीब 10 लाख रुपए में तैयार हुआ है।

मशीन सरकार ने उपलब्ध कराई है, जबकि अन्य सुविधाएं एस्काग संजीवनी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करेंगी। यह डायलिसिस सेंटर जिला अस्पताल धमतरी में प्रधानमंत्री निशुल्क डायलिसिस योजना के जीवनधारा प्रोजेक्ट के तहत लगाया गया है। हमर लैब के ठीक बगल में 4 बिस्तर का डायलिसिस सेंटर बनाया है।

यूनिट शुरू करने के कार्यक्रम में कांग्रेस जिलाध्यक्ष शरद लोहाना, सीएमएचओ डॉ. डीके तुर्रे, सीएस डॉ. यूएल कौशिक, आरएमओ डॉ. राकेश सोनी, डॉ. एस वानखेड़े, डॉ. अखिलेश देवांगन, एस्काग संजीवनी के जिला प्रभारी अजय सिंह सहित अन्य स्टॉफ मौजूद थे। इसके बाद सबसे पहले डायलिसिस सेहराडबरी निवासी कार्तिक राम ढीढ़ी (49) का हुआ। वे पिछले 4 साल से किडनी की समस्या से ग्रसित है।

किडनी के मरीजों को मिलेगी राहत
सीएमएचओ सीएमएचओ डॉ. डीके तुर्रे ने कहा कि किडनी के मरीजों को इलाज में राहत मिलेगी। यह सुविधा पूर्णत: नि:शुल्क है। डायलिसिस के लिए मरीजों को निजी अस्पताल की ओर रूख नहीं करना पड़ेगा। जिन मरीजों की किडनी ठीक से कार्य नहीं करती, उनका खून दूषित हो जाता है, जिसे आवश्यकतानुसार कृत्रिम रूप से प्यूरीफिकेशन एवं फिल्ट्रेशन कराना पड़ता है और यह कार्य डायलिसिस के माध्यम से होता है। किडनी का मुख्य कार्य रक्त को फिल्टर करना होता है। किडनी के फेल्योर हो जाने पर खाद्य पदार्थों का शुद्धिकरण नहीं हो पाता।

मरीज जिला अस्पताल पर आश्रित
225 बिस्तरों वाले जिला अस्पताल में कैंसर के मरीजों को कीमोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध कराने के बाद अब भूपेश सरकार ने यहां किडनी मरीजों को डायलिसिस की सुविधा देकर बड़ी राहत पहुंचाई हैं। इसका लाभ धमतरी के अलावा आसपास के पांच जिलों बालोद, कांकेर, कोंडागांव, गरियाबंद तक के मरीजों को इसका लाभ मिलेगा। आपातकाल में यहां के मरीज बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए ज्यादातर जिला अस्पताल पर ही आश्रित रहते हैं। ऐसे में उन्हें लाभ मिलेगा।
प्रति मरीज के डायलिसिस में औसत 120 लीटर पानी की जरूरत होगी। यह पानी आरओ वाटर से भी शुद्ध होता है।

निजी अस्पताल में प्रति डायलिसिस के 1500 से 2000 रुपए खर्च होते है। अब मरीजों को 10 रुपए की ओपीडी पर्ची से निशुल्क इलाज होगा।
डॉक्टर सलाह के बगैर दर्द की दवा खाना, कम पानी पीना, ज्यादा तनाव लेने, अधिक उपवास रखने से भी किडनी की बीमारी के मरीज बढ़ रहे है।
गुर्दे से परेशान मरीजों को डायलिसिस कराने की जरूरत होती है। जब गुर्दे सही तरीके से काम नहीं करते हैं तो चिकित्सक डायलिसिस की सलाह देते है। एक मरीज को डायलिसिस कराने में कम से कम 4 घंटे लगते हैं। एक महीने में कितनी बार डायलिसिस की जरूरत पडती है, यह मरीज के गुर्दे की स्थिति पर निर्भर करता है।

डायलिसिस की जरूरत पर होते हैं ये लक्षण
मांसपेशियों में ऐंठन। पेशाब करते समय दर्द। भूख का अहसास नहीं होना। खुजली, उल्टी, पैरों में सूजन। सांसों की कमी, थकान लगना। ज्यादा पेशाब नहीं आना, सोने में परेशानी।
 


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