धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 10 सितंबर। कोविड काल के बाद बप्पा को विदा करनें निकली विसर्जन झांकी को लेकर आयोजकों एवं दर्शकों में अभूतपूर्व उत्साह नजर आया। समाजिक कुरितियों पर फोकस करने की बजाय अभी भी पौराणिक एवं अलौकीक घटनाओं पे समितियों का रूझान अधिक है। ऐसे में कारगिल चौक से हसदेव अरण्य बचाने एवं स्कूल पारा की शिक्षा पर आधारित संदेश परक झांकियों ने लोगों का ध्यान खींचा।
शुक्रवार मध्यरात्रि इस बार करीब डेढ़ दर्जन गणेश विसर्जन झांकी धूम-धड़ाकों से निकाली गयी। जिसमें हसदेव अरण्य के पेड़ों को न काटने विषयक, बालाजी रूप में गजानन जी ,युनीफार्म पहन बस्ता सम्हाले स्कूल जाते बाल गणेश , शिवलिंग से प्रकट होते गजानन स्वामी, गौ सुरक्षा, ताडक़ा वध , लव-कुश द्वारा राम कथा सुनाना ,शिव जी की बारात, महाराणा प्रताप के पराक्रम ,बाल गणेश जी द्वारा बालकृष्ण को लड्डु खिलाना ,शबरी के जूठे बेर खिलाना, लक्ष्मण रेखा, हनुमान जी की वीरता, वामन अवतार वाली झांकियों ने लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। डीजे व धूमाल के धुनों में नाचते - झूमते भक्तों ने आकर्षण का रंग भर दिया। आकर्षक लाइट, बेहतरीन बैकग्राउंड व आतिशबाजी ने लोगो को सुबह तक टिकाए रखा।
पुराना बाजार चौक में सांस्कृतिक धरोहर मंच एवं बोल बम सेवा समिति द्वारा बनाए गए मंच से गणेश जी पर फूल बरसाए गए, हुतात्मा चौक में सम्राट गणेशोत्सव समिति व शिव सेना द्वारा झांकियों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया । किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल चप्पे-चप्पे पर तैनात रही। सुबह होते ही झांकियां नगर के विभिन्न मार्गों से गुजरती हुई तालाबों में पहुंची जहां विघ्नहर्ता को विसर्जन कर विदाई दी गई।


