धमतरी

पांच साल से नहीं दे रहे थे किराया, 14 दुकानें सील, 2.72 लाख वसूली
24-Aug-2022 4:09 PM
पांच साल से नहीं दे रहे थे किराया, 14 दुकानें सील, 2.72 लाख वसूली

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 24 अगस्त।
नगर निगम क्षेत्र में गौरवपथ आमातालाब रोड के पास स्थित 17 में से 14 दुकानों को नगर निगम ने 23 अगस्त को समय पर किराया न पटाने के लिए सील कर दिया। 14 बकायादारों से नगर निगम को 27 लाख किराया वसूल करना है। फिलहाल नगर निगम की कार्रवाई से दुकानदारों में हडक़ंप मच गया है। 3 दुकानदारों ने तुरंत 2.72 लाख रुपए जमा किए।

गौरव पथ आमातालाब रोड किनारे नगर निगम ने सन 2018 में 17 दुकानों का निर्माण किया। नीलामी के बाद दुकानदारों ने दुकानें तो किराए में ले ली और अपना दुकान संचालित करने लगे। इस दौरान नगर निगम को जो दुकान किराया देना था उसे उन्होंने नहीं दिया। दुकान किराया की राशि बढ़ते-बढ़ते चार से पांच सालों में 27 लाख तक जा पहुंची। इसमें से 3 ऐसे दुकानदार थे, जिन्होंने नियमित रूप से अपना दुकान किराया पटाया। फिलहाल 3 दुकानों को छोडक़र 17 में से 14 दुकानों को नगर निगम की टीम ने सील कर दिया है। कई दुकानदार निगम के अधिकारी कर्मचारियों से उलझते भी रहे। नगर निगम की टीम ने सख्ती दिखाते हुए सीधे दुकानों को सील कर दिया।

634 दुकानों पर 57.65 लाख टैक्स बकाया?
निगम के पास 711 दुकानें हैं। इनमें 552 दुकानें निगम की और स्वावलंबन योजना के तहत  159 दुकानें हैं। वर्तमान में 634 किराए पर दी गईं हैं,  जबकि 77 दुकान  खाली हैं। चालू वित्तीय वर्ष  2022-23 में करीब 634 दुकानों पर 57.65 लाख टैक्स बकाया  है। कुल टैक्स 67.57 लाख में से 9.92 लाख वसूली हुआ है।

कार्रवाई जारी रहेगी-राजस्व निरीक्षक
नगर निगम के राजस्व अधिकारी निखिल चंद्राकर ने बताया कि दुकान किराया बाकी होने के कारण नगर निगम ने कार्रवाई की है। दुकानदारों को समय पर अपने दुकान का किराया जमा करना चाहिए। शहर के अलग-अलग स्थानों पर स्थित अन्य दुकानों की भी फाइल जांच की जा रही है। जहां से दुकान किराया नहीं आ रहा वहां की दुकानों को भी सील किया जाएगा। कार्रवाई जारी रहेगी।

1 करोड़ का व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स बेकार पड़ा
इतवारी बाजार में निगम ने 5 साल पहले व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स बनवाया था, जिसकी लागत 98 लाख 31 हजार 900 थी। भवन का उद्देश्य नीलामी और किराए से राजस्व जुटाना था। बेरोजगारों को रोजगार देना था, लेकिन लापरवाही और निगम के पदाधिकारियों की आपसी अनबन के चलते कॉम्प्लेक्स के 41 दुकानों की नीलामी नहीं हो पाई है। उल्टे इस जगह शराबखोरों  और जुआरियों का अड्डा बन चुका है। ग्राउंड फ्लोर में चिल्हर सब्जी व्यवसायी अपनी दुकान लगाते हैं,  जिससे निगम को राजस्व मिल रहा है।
 


अन्य पोस्ट