धमतरी

सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर रोक नहीं, चोरी-छिपे अब भी दुकानदार और थोक कारोबारी बेच रहे
04-Aug-2022 6:35 PM
सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर रोक नहीं, चोरी-छिपे अब भी दुकानदार और थोक कारोबारी बेच रहे

शहर में रोज निकल रहा 2 क्विंटल प्लास्टिक कचरा 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 4 अगस्त।
जिले में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग व उत्पादन प्रतिबंधित हो गया है। इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय के निर्देश पर नगर निगम द्वारा शहर में इसके उपयोग पर रोक व जागरूकता के लिए निगम ने शुरू में प्रयास किया, लेकिन वर्तमान में निगम की ओर से कार्रवाई नहीं हो रही है। शहर में एसयूपी धड़ल्ले से उपयोग में लाया जा रहा है।

शहर के गोल बाजार, इतवारी बाजार, रामबाग बाजार सहित होटल, फल दुकानों में पहले की तरह ही व्यापारी और ग्राहक पॉलीथिन उपयोग कर रहे है। इसका प्रमुख कारण है कि अफसरों ने केंद्र सरकार के आदेश को तवज्जो ही नहीं दी। सिंगल यूज पॉलीथिन पर बैन लगे एक महीने बीत गए, लेकिन अफसर जांचने तो दूर लोगों को जागरूक करने तक नहीं निकले। न तो प्रतिबंध का प्रचार-प्रसार हुआ न ही व्यापारियों को चेतावनी दी गई। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभा रही है।

रोज निकल रहा 2 क्विंटल प्लास्टिक कचरा
शहर में रोज करीब 2 क्विंटल प्लास्टिक कचरा निकल रहा है। कूड़ा पैदा करने में प्लास्टिक का अहम रोल है। कचरा डंपिंग यार्ड में कूड़ों के ढेर में प्लास्टिक की काफी अधिक मात्रा होती है। बाकी कूड़े तो सडक़कर या गलकर नष्ट हो जाते हैं पर प्लास्टिक सालों साल बने रहते हैं। जिसका उदाहरण शहर के 2 ट्रेंचिंग ग्राउंड है, जहां प्लास्टिक का ढेर बढ़ता ही जा रहा है। सालभर से प्लास्टिक कटिंग यूनिट बंद है।

दुकानदार अब भी बेच रहे पॉलीथिन
शहर में कुछ दुकानदार अब भी खुले तौर पर प्लास्टिक की थैली बेच रहे हैं। गोल बाजार, मकई चौक, सिहावा चौक, रत्नाबांधा चौक स्थित कुछ दुकानों में बड़ी मात्रा में पॉलीथिन उपलब्ध है, लेकिन प्रशासन की टीम ने अब तक जांच तक नहीं कराई गई हैं। इन पर अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।  

प्लास्टिक के इन सामानों पर लगी बैन
नोटिस के मुताबिक 1 जुलाई से प्लास्टिक स्टिक वाले ईयरबड, गुब्बारे में लगने वाले प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट में काम आने वाले थर्माकोल, प्लास्टिक कप, प्लेट, गिलास, कांटा, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे जैसी कटलरी आइटम, मिठाई के डिब्बों पर लगाई जाने वाली प्लास्टिक, प्लास्टिक के निमंत्रण पत्र, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पीवीसी बैनर शामिल हैं।

... तो होगा 5 साल की सजा 
या 1 लाख जुर्माना
केंद्रीय प्रदूषण? नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने? अपनी राज्य की एजेंसियों को? निर्देश दिया है। 1 जुलाई से प्रभावी दिशा-निर्देशों के अनुसार, अधिसूचना में कहा गया है कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले लोगों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत जुर्माना लगाया जाएगा, जो 5 साल तक की जेल या 1 लाख रुपए या दोनों हो सकते है।

इस तरह लगाए प्लास्टिक पर बैन
जुलाई 2017- प्रदेश में पॉलीथिन-कैरी बैग पर प्रतिबंध लगाया गया। सितंबर 2021-75 माइक्रोन से कम मोटे प्लास्टिक के कैरी बैग पर रोक लगी। 1 जुलाई 2022-अब 120 माइक्रोन से अधिक मोटाई वाले बैग भी बैन हो गए।

यह भी जानना जरूरी
प्लास्टिक वेस्ट पर्यावरण के लिए खतरनाक होता है। पेपर कचरा 3 सप्ताह में गलता है। ऑर्गेनिक कचरा 2 सप्ताह में गलता है। प्लास्टिक कचरे को गलने में 100 साल लगते हैं। लकड़ी का कचरा 15 साल में गलता हैं। कॉटन के कपड़े का कचरा 20 सप्ताह में गलता है।

लगातार जांच, कार्रवाई हो रही
नगर निगम आयुक्त विनय कुमार पोयाम ने कहा कि पॉलीथिन बेचने वालों पर लगातार कार्रवाई जारी है। निगम की टीम व्यापारियों पर नजर रखी है। 
बाजार में भी जागरूकता अभियान चलाई जा रही है।
 


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