धमतरी

खाद की कालाबाजारी और अघोषित बिजली कटौती को लेकर छजकां ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
12-Jul-2022 3:00 PM
खाद की कालाबाजारी और अघोषित बिजली कटौती को लेकर छजकां ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 12 जुलाई।
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) के जिला अध्यक्ष उत्तम साहू के नेतृत्व में कलेक्टर के नाम अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) चंद्रकांत कौशिक को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उल्लेख किया है कि पूरे प्रदेश में खाद और बीज की भीषण कमी व्याप्त है।

सहकारी सोसाइटियों में खाद उपलब्ध नहीं है ओपन मार्केट में खाद तीन गुना अधिक कीमत पर मिल रही है।किसानों को 1200 रुपए का डीएपी लगभग 2000 रुपये में खरीदना पड़ रहा है। खाद के लिए किसान घंटों सोसाइटी में लाइन में खड़े हो रहे हैं, वहीं मुनाफाखोर लोग चांदी काट रहे हैं। जोगी कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सहकारी समितियों के माध्यम से राज्य सरकार गुणवत्ताहीन वर्मी कंपोस्ट खाद लेने के लिए किसानों को मजबूर कर रही है।

वर्मी कंपोस्ट के नाम पर किसानों को मिट्टी, कंकड़, पत्थर, पॉलिथीन आदि मिला हुआ अमानक खाद दिया जा रहा है, ऐसे में किसानों की फसल पर असर पड़ रहा है। खरीफ सीजन में किसान खेतों में खेती के लिए समय न देकर खाद के लिए समितियों के चक्कर लगा रहे हैं, हताश होकर दर दर भटक रहे हैं, खरीफ सीजन के पहले खाद संकट के साथ साथ, किसानों को अघोषित बिजली कटौती की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।

छत्तीसगढ़ के किसानों के हिस्से की बिजली को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अन्य राज्यों को दे रही है जो प्रदेश के किसानों के साथ सरासर अन्याय और कृषि समस्याओं को लेकर राज्य सरकार की असंवेदनशीलता का परिचायक है।
जिला अध्यक्ष उतम साहू ने कहा कि धान का कटोरा कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ राज्य, कृषि बाहुल्य राज्य है और ऐसे में राज्य के अन्नदाता का ही त्रासदी में होना, राज्य सरकार की विफलता और कुप्रबंधन का साक्ष्य है।

इस हेतु जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे), किसानों को राहत देने निम्नलिखित चार सूत्रीय मांग किया है।
- सहकारी समितियों में तत्काल खाद और बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये ।
-  किसानों को वर्मी कम्पोस्ट खाद लेने की अनिवार्यता को खत्म किया जाए।

- रासायनिक खाद की आपूर्ति में कमी को देखते हुए यूरिया, डीएपी तथा पोटाश की बिक्री को खुले बाजार में प्रतिबंधित किया जाए। इन तीनों प्रकार के खाद को सिर्फ सहकारी समितियों के माध्यम से सभी किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर दिया जाए।  
- खेती-किसानी वन के लिए बिजली आपूर्ति को अतिआवश्यक सेवा की श्रेणी में रखा जाए और चौबीस घंटे बिजली सुनिश्चित की जाए। उपरोक्त मांगें पूरी नहीं होने पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) प्रदेश भर में आंदोलन करने विवश होंगे। इस मौके पर झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोहन देवांगन उपस्थित थे।


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