धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 7 मई। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 5 मई को मनाया गया कार्यक्रम का शुभारंभ छात्र-छात्राओं को एल्बेंडाजोल का वितरण एवं सेवन कराया गया। दिल्ली से स्वास्थ्य विभाग का टीम का आगमन हुआ।
डॉक्टर मिनी वलघेस, डॉ कुणाल पवार, स्टेज प्रोग्राम रिप्रेसिन्टेटिव (छग), डॉ आशीष सिंग न्यूट्रिशन इ स्ट्रक्चर, सेक्टर सुपरवाइजर किशोर साहू सर ने बच्चों से रूबरू होते हुए बताया कि 1 से 2 साल तक बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली चम्मच में घोलकर व 3 से 19 साल के बच्चों को एक गोली पूरी चबा चबा कर खाने को दिया।
कृमि कुपोषण का मुख्य कारक है। शरीर से खून की कमी होने से कमजोरी और थकान महसूस होती है। जिससे मानसिक विकास नहीं हो पाता। खुले में शौच से कृमि बाह्य वातावरण में आता है। इनके अलावा नंगे पैर चलने व प्रदूषित हाथो से भी हमारे शरीर में प्रवेश कर कृमि अपना विकास करता है। इससे शरीर में कुपोषण एवं अन्य बीमारियां होते हैं। इसके बचाव के लिए शौचालय का प्रयोगकरे, नंगे पैर नहीं चलना चाहिए। पानी व खाने को हमेशा ढक कर रखना। नाखून काटना शौच से आने के बाद हाथ साबुन से धोना चाहिए। केपी साहू संकुल समन्वयक संकुल केंद्र अमाली ने भी राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर प्रकाश डाला। शेष बचे हुए बच्चे को 10 मई तक शतत चलेगा। उक्त अवसर पर सीएचओ संगीता देवांगन, आरएचओ खेमिन साहू, कीर्ति कंवर, प्रधान पाठक कौशल प्रसाद साहू, शिक्षक चंद्रप्रभा साहू, राकेश कोसरिया एवं समस्त छात्रगण उपस्थित थे।


