दन्तेवाड़ा

केदार कश्यप ने किया वन मंदिर का लोकार्पण
15-Dec-2024 9:58 PM
केदार कश्यप ने किया वन मंदिर का लोकार्पण

दंतेवाड़ा, 15 दिसंबर। प्रभारी मंत्री जिला दंतेवाड़ा केदार कश्यप के दंतेवाड़ा प्रवास के द्वितीय दिवस टेकनार रोड में वन मंदिर का रविवार को विधिवत उद्घाटन किया गया।

समूचे भारत वर्ष के प्रथम वन मंदिर का दर्जा प्राप्त इस आधुनिक उद्यान का केदार कश्यप द्वारा फीता काटकर लोकार्पण किया गया।   इस दौरान अनौपचारिक चर्चा करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में वनों के आध्यात्मिक एवं पर्यार्वणीय को महत्व को प्रमुखता दी गई है। वर्तमान में जबकि आज ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन पर पूरी दुनिया में विचार मंथन चल रहा है। उसे देखते हुए वन मंदिर की अवधारणा सराहनीय है। क्षेत्र में निवासरत वनवासी बंधु पीढिय़ों से वनों की रक्षा एवं उसकी संरक्षण के लिए समर्पित रहे है। यहां के जनजीवन का मुख्य आधार वन सम्पदा ही रही है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन एवं वन विभाग की यह पहल जनमानस में पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का प्रंशसनीय प्रयास है।

उन्होंने आगे कहा कि इस वन मंदिर वाटिका में अन्य प्रजाति के पेड़ पौधे लगाकर इसे समृद्ध बनाए। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वृक्षारोपण के तहत ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ का संदेश देकर पूरे देश में वृक्षारोपण के महत्व का अलख जगा चुके है। अत: आमजन भी उनके इस अभियान को पूरी तत्परता से गति दें। वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के तत्वाधान में बनाये गए वन मंदिर वाटिका में प्रकृति एवं संस्कृति के अनूठे संगम को चरितार्थ किया गया है। वाटिका में प्रवेश करते ही पर्यावरणीय और प्राकृतिक संरक्षण को दर्शाते हुए यहां भारतीय सांस्कृतिक के अनुरूप राशि-ग्रह-नक्षत्र के पौधे, बीमारियों के प्राकृतिक उपचार के लिए योग और औषधि युक्त पौधे की जानकारी देते हुए साइन बोर्ड लगाये गए है।

साथ ही क्षेत्र में पाये जाने वाले वन्य पशु पक्षियों एवं तितलियों जैसे जीव जंतुओं की भी सामान्य जानकारी दी गई है। इसके अलावा भगवान श्रीराम के जीवनवृत्त और वनवास काल का भी चित्राकंन वन मंदिर में किया गया है। साथ ही ‘‘रॉक गार्डन‘‘ के तहत इंद्रावती नदी के पत्थर और एनएमडीसी के लौह पत्थरों से भी वाटिका की साज-सज्जा की गयी है। करीब 18 एकड़ में तैयार हुए इस वन मंदिर में 7 थीम के तहत कार्य हुए हैं। यहां राशि, ग्रह नक्षत्र के पौधे,बीमारियों के इलाज के लिए योग और औषधि (हर्बल पौधे) की जानकारी, सप्तऋषि और पंचवटी वन भी निर्मित किये गए है। अधिकारियों की मानें तो कि, संभाग का पहला वन मंदिर है। जहां शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी मिल पाएगी। इसके निर्माण के लिए 4.5 करोड़ रुपए व्यय किए गए। 

इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष पायल गुप्ता, जिला पंचायत सदस्य श्री रामूराम नेताम, मुख्य वन संरक्षक आर.सी.दुग्गा, कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी, डीएफओ सागर जाधव और सीईओ जयंत नाहटा प्रमुख रूप से मौजूद थे।


अन्य पोस्ट