कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 13 अपै्रल। कोरिया जिले में शहरी क्षेत्र के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढऩे को लेकर स्वास्थ्य विभाग सजग हो गया हैं, हलांकि ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरूस्त करने प्रशासन ने अभी तक कोई कारगर कदम नहीं उठाए है, वहीं होम आईशोलेशन में रहने वाले मरीजों की मॉनिटरिंग पर सवाल खड़े हो रहे है, प्राय देखा जा रहा है कि जिन्हें होम आईशोलेट किया गया है वो आसानी से यहां वहां घूमता नजर आ रहा है। जिससे कोरोना के फैलने की आशंका और बढ़ गई है।
इस संबंध में कोरिया के सीएमएचओ डॉ रामेश्वर शर्मा का कहना है कि शहरों के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के मरीज बढ रहे है, जिस पर हम लोगों ने अपनी तैयार कर रखी है। ब्लाक स्तर पर होम आईशोलेन के प्रभारी नियुक्त किए है, उनकी निगरानी में ऐस मरीजों को समय समय पर दवाएं और देखभाल की जाती है। उनका कहना है कि कोरोना के साधारण लक्ष्ण होने पर शुरूआती दौर में ही इसकी दवा लेना बहुत जरूरी है बाद में फेंफडों में संक्रमण होने पर काफी दिक्कत आती है।
जानकारी के अनुसार 12 अप्रैल को रात 8 बजे तक 179 कोरोना संक्रमित मामले सामने आए, अब तक सबसे ज्यादा मामलों को रिकार्ड आंकडा सामने आया है, जिसके 111 मरीज शहरी क्षेत्र में जबकि 68 मामले ग्रामीण क्षेत्रों में आए है, जो कि चिंता की बात है। शहरी क्षेत्र में चिरमिरी सबसे बडा हॉट स्पॉट बना हुआ है, जबकि दूसरे नंबर पर बैकुंठपुर है, चिरमिरी में 76 मामले तो बैकुंठपुर में 23 मामले पॉजिटिव पाए गए है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बैकुंठपुर के ग्रामीण क्षेत्रो मे 26, खडगवां में 14, मनेन्द्रगढ मे 12, सोनहत में 13 और सबसेे कम जनकपुर मे मात्र 3 मामले सामने आए है। अब तक जिले में 7245 कोरोना मरीज आ चुके है।ै जिले भर में 975 मामले एक्टिव है। अब तक 46 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इधर, स्वास्थ्य विभाग के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहे मामले बेहद चुनौतिपूर्ण है। प्रशासन भी अब तक ग्रामीण क्षेत्रों को कोरोना से बचाने के लिए कोई खास रणनीति पर काम नहीं कर पा रहा है। फिलहाल कंटेटमेंट जोन बनाकर कोरोना की चेन तोडने की कोशिश की जा रही है।
होम आईशोलन पर रखनी होगी नजर
कोरिया जिले में बीते वर्ष कोरोना के मामले आने पर बैकुंठपुर स्थित कोविड अस्पताल और चरचा कॉलरी के रिजनल अस्पताल को कोरोना के मरीजो के लिए बनाया गया। बैकुंठपुर स्थित कोविड अस्पताल 100 बिस्तरीय है, जबकि चरचा का अस्पताल 50. बिस्तरीय है। फिलहाल बैकुंठपुर में 63 मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है वर्तमान में 37 बेड रिक्त है, वहीं 912 मरीजों को होम आईशोलेट किया गया है। बडी मात्रा में होम आईशालेट कर मरीजों की निगरानी की जा रही है, परन्तु ज्यादातर स्थानों से यह शिकायत आम है कि मरीज या उनके परिवार के लोग खुलेआम आसपास घूम रहे है, ब्लाक स्तर पर होम आईशोलेशन प्रभारी भी नियुक्त किया गया है, परन्तु सतत निगरानी करना बेहद कठिन काम है।