गरियाबंद

राजिम पुन्नी मेला में छत्तीसगढ़ी गीतों पर झूमे दर्शक
06-Mar-2021 6:08 PM
राजिम पुन्नी मेला में छत्तीसगढ़ी गीतों पर झूमे दर्शक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च।
राजिम माघी पुन्नी मेला के सांस्कृतिक मंच दर्शकों से चारों ओर खचाखच भरा हुआ है। इसके मुख्य कारण छत्तीसगढ़ी फिल्म के प्रसिद्ध गायक सुनील सोनी का कार्यक्रम का था। प्रारंभ में इनके सहयोगी कलाकारों के द्वारा मंच में गीत के धुन बजाकर समां बांधा। 

राजिम मुख्य मंच में सातवें दिन प्रथम कार्यक्रम में पंडवानी गायन की प्रस्तुति रही। सांस्कृतिक कार्यक्रम के दूसरी कड़ी में छत्तीसगढ़ के सुपरस्टार सुनील सोनी की प्रस्तुति शुरू होते ही दर्शकों की भीड़ होना आरंभ हो गया। 
सुनील नाइट्स की पहली प्रस्तुति अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार... से शुरू हुई। ये गीत आज वर्तमान में राजकीय गीत के रूप में प्रस्तुत की जा रही हैं। वा रे मोर पडक़ी मैना तोर कजरैली नैना...की गीत ने दर्शक का मनमोह लिया। पारम्पारिक छत्तीसगढ़ गीत ददरिया जो कि एक प्रेम गीत हैं, लेकिन हमारे हॉं धार्मिक भाव में भी ददरिया गाया जाता है-चूड़ी रे पहिरे... की सामूहिक पारम्पारिक वेशभूषा की प्रस्तुति में दर्शक भाव विभोर हो गए। इस नृत्य ने खूब तालिया बटोरी। बुलंदी की दुनिया को गायकी के क्षेत्र में छूने वाले सुनील सोनी को सुनने महानदी की गोद में हजारों लोग बैठे रहे और सैकड़ों लोगो ने खड़े होकर आनंद लिया। ये वे दौना पान... जैसे ही शुरू हुआ दर्शकों ने तालियों और सीटियों की आवाज से पूरा राजिम क्षेत्र गूंज गया। मॉ-बाप को समर्पित गीत छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध गीत छईया भुईया ल छोड़ जवैया तै जाबे कहा रे... की प्रस्तुति ने तो धूम ही मचा दिया। माता-पिता और धरती के प्रति लगाव सभी में होता है। दर्शक बहुत ध्यान मग्न हो गए और पूरे  छत्तीसगढ़ महतारी के नारी से पूरा मंच गूंज गया। मुख्यमंच पर एक से बढक़र एक झमाझम प्रस्तुति की कड़ी में प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी गीत काने मा बाली अउ गोरा-गोरा गाल सुनकर और नृत्य से दर्शक झूमने पर विवश हो गए। ये दे जिदंगी के नई हे गा ठिकाना... की बहुत मनमोहक प्रस्तुति ने तहलका मचाया और खड़े होकर नाचने लगे। नौ महीना ले कोख मे रख के... झन भुलव मॉं बाप ल... की प्रस्तुति से दर्शक भाव-विभोर हो गए। अपने-अपने माता-पिता के प्रति जोरदार जयकारा लगाये और तालियों की गढग़ढ़हट से स्वागत किए। माटी ल छोड़ी कहॉं जाबे रे संगी माटी के कर्जा ल चुकाना... बहुत ही मार्मिक प्रस्तुति में सभी डूब गए और जन्म भूमि के प्रति श्रद्धा के भाव का संचार हो गया। मोर संग चलव रे मोर संग चलव न... की प्रस्तुति ने समां बाधे रखा अंत तक दर्शक मुख्यमंच की समीप डटे रहे और कलाकारों का उत्साह वर्धन करते रहे। मया होगे रे तोर संग मया होगे न... गीत सुनकर सिटियों की आवाज लगातार आने लगा। 

इसी कड़ी में गीत आजा सवरेगी तय हा जिंदगी में मोर.... की शानदार प्रस्तुती ने दिल की धडक़न को तेज कर दिया इस गीत ने खूब तालियॉ बटोरी। कार्यक्रम का संचालन निरंजन साहू, मनोज सेन एवं महेन्द्र पंत द्वारा किया। कलाकारों का सम्मान एसपी भोजराम पटेल, अपर कलेक्टर जेआर चौरासिया, कांग्रेस नेता रतीराम साहू, विकास तिवारी, गिरीश राजानी, सौरभ शर्मा टंकू सोनकर, प्रवीण सोनकर, उत्तम निषाद, रामानंद साहू, साधू निषाद, चेतन सोनकर, चंद्रहास, विनोद सोनकर, अरविंद यदु, राकेश साहू, रानू साहू, हरि साहू, शीतल चौबे आदि जनप्रतिनिधियों द्वारा किया गया।

 

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