दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 4 मार्च। ढाई वर्ष पूर्व विवाहिता द्वारा फांसी पर लटक कर जान दे देने के बाद मृतका के पति व सास पर लगाए गए दहेज प्रताडऩा एवं मौत के लिए जिम्मेदार ठहरा कर उनके खिलाफ धारा 304 बी 306 एवं 302 के तहत मामला दर्ज किया गया था। न्यायालय ने इस मामले के आरोपी नीरज गुप्ता एवं मंजू गुप्ता को दोषमुक्त किया है।
द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश रामजीवन देवांगन की कोर्ट ने माना कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे यह प्रमाणित करने पर सफल नहीं हुआ कि मृतका शारदा सुमन को आरोपीगण विवाह के पश्चात से दहेज की मांग को लेकर प्रताडि़त किए, जिसके कारण असामान्य परिस्थितियों में उसकी मौत हुई है।
दीक्षित कॉलोनी कोसा नगर वार्ड नंबर 2 दुर्ग निवासी बैंक ऑफ बड़ौदा में सहायक प्रबंधक के पद में कार्यरत नीरज गुप्ता का विवाह शारदा सुमन के साथ हुआ था। शादी के कुछ माह बाद ही 27 मई 2018 को शारदा गुप्ता ने अपने ही घर में फांसी लगाकर जान दे दी थी। इसके बाद नीरज गुप्ता के ससुराल वालों ने सुपेला थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि नीरज गुप्ता एवं उसकी मां मंजू गुप्ता दहेज के लिए प्रताडि़त करते थे एवं 10 लाख रुपए की मांग कर मारपीट करते थे। इसी से परेशान होकर शारदा ने आत्महत्या कर ली थी।
न्यायालय द्वारा विचारण पश्चात समस्त आरोप को निराधार एवं असत्य पाया गया। फलस्वरुप नीरज गुप्ता एवं मंजू गुप्ता को न्यायालय ने दोषमुक्त करार दिया।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिव शंकर सिंह ने बताया कि घटनास्थल से न तो सुसाइडल नोट मिला था और न ही मृतका के शरीर पर किसी तरीके के मारपीट किए जाने के निशान थे। इस प्रकरण के महत्वपूर्ण साक्षी मृतका के पिता कृष्णा प्रसाद ने परीक्षण के दौरान यह स्वीकार किया कि विवाह के समय किसी तरह के दहेज की मांग नहीं की गई थी, बल्कि जो पैसा नीरज गुप्ता के खाते में जमा किया गया था। वह शादी में खर्च के लिए दिया गया था। शादी से पूर्व यह तय हुआ था कि जो भी खर्चा आएगा दोनों पक्ष आधा-आधा खर्च वहन करेंगे। इसी के तहत 8 लाख 54 हजार रुपया नीरज गुप्ता के खाते में डाला गया था।