महासमुन्द
तेज हुई 10वीं-12वीं के छात्रों के दिल की धडक़नें
शिक्षक भी ऑनलाइन व ऑफलाइन क्लास लेकर बच्चों को कोर्स पूरा कराने में जुटे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 24 जनवरी। बोर्ड परीक्षा की समय-सारणी जारी हुई तो दसवीं व बारहवीं के छात्रों के दिल की धडक़ने तेज हो गई है। वजह यही है कि कोरोना की वजह से स्कूल खुले ही नहीं, पढ़ाई ऑनलाइन जारी है और अभी कोर्स भी बाकी है। ऐसे में छात्रों को परीक्षा और रिविजन की चिंता सताने लगी है।
शिक्षक भी ऑनलाइन व ऑफलाइन क्लास लेकर बच्चों को कोर्स पूरा कराने में जुटे हुए हैं। बता दें कि इस साल शहरी क्षेत्र के बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई में ज्यादा दिक्कतें नहीं हुई लेकिन ग्रामीण अंचलों के बच्चों को नेटवर्क की समस्या हुई है। वहां पढ़ाई न के बराबर हुई है। ग्रामीण इलाके के बच्चों का औसत 25 प्रतिशत कोर्स अभी भी बाकी हैं। बावजूद इसके शिक्षक दावा कर रहे हैं कि आगामी माह फरवरी में कोर्स पूरा हो जाएगा और मार्च में रिवीजन करा दिया जाएगा।
ऑनलाइन क्लास के नोडल अफसर विवेक वर्मा कहते हैं कि 75 प्रतिशत कोर्स पूरा हो गया है। बोर्ड कक्षाओं के छात्रों को परीक्षा देने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। 25 प्रतिशत कोर्स फरवरी के अंत तक पूरा करा लिया जाएगा। मार्च में रिवीजन भी कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि परीक्षा की समय-सारणी आने के बाद ऑनलाइन में छात्रों की संख्या बढऩे लगी है। इन्होंन स्वीकार किया है कि कई शिक्षक ऑनलाइन क्लास नहीं ले रहे हैं। जिसके कारण छात्रों को पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छात्र स्वयं से घर में पढ़ाई कर रहे हैं। ऑनलाइन क्लास पिछले एक महीने से बंद है। ऑनलाइन क्लास की मॉनिटिरिंग नहीं होने कारण शिक्षक भी क्लास लेने में कतरा रहे हैं। ज्यादा परेशानी ग्रामीण अंचलों के छात्रों को हो रही है। एक ओर नेटवर्क नहीं होने के कारण ऐसे ही परेशान हैं वहीं दूसरी ओर शिक्षक कभी कभार ही क्लास ले रहे हैं।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी श्रीमती एस चंद्रसेन ने बताया कि अप्रैल में बोर्ड परीक्षा होगी। छात्रों का कोर्स पूरा कराने शिक्षक जुटे हुए हैं। इस साल माशिम से तय सिलेबस के आधार पर परीक्षा आयोजित होगी। वहीं असाइनमेंट के नम्बर भी जुड़ेंगे। ज्ञात हो कि कोरोना की वजह से स्कूल नहीं खुलने के कारण इस साल ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है। छात्रों की शिक्षा गड़बड़ाए न इसके लिए पढ़ाई तुंहर दुआर के तहत ऑनलाइन व ऑफ लाइन के जरिए पढ़ाई कराते रहे। अब परीक्षा की बारी है। दसवीं व बाहरवीं बोर्ड की परीक्षा माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा तय सिलेबस के आधार पर परीक्षा होगी। पूर्व में माशिमं 30 प्रतिशत सिलेबस काटकर ऑनलाइन व ऑफ लाइन क्लास लेने के लिए निर्देशित किया था। जिसके तहत जिले के शिक्षक ऑनलाइन व ऑफ लाइन क्लास लेकर तय सिलेबस की पढ़ाई छात्रों को करा रहे हैं।
अधिकारी कहते हैं कि ग्रामीण छात्रों को कोरोना की वजह से स्कूल नहीं खुलने से ज्यादा परेशानी हुई है लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई से काफी राहत मिली है। 75 प्रतिशत कोर्स पूरा हो गया है। आगे का कोर्स भी पूरा हो जाएगा। समय-सारणी आने के बाद अब गांवों में भी छात्रों ने पुराने कोर्स पर रिवीजन भी शुरू कर दिया है। हालांकि गंावों में नेटवर्क की समस्या होने के कारण पढ़ाई करने में दिक्कतें हो रही हैं। गणित और विज्ञान विषय की पढ़ाई ठीक से नहीं हो पा रही है। वैसे सभी विषयों की पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है। औसतन 25 प्रतिशत कोर्स ही शेष रह गया है।