महासमुन्द

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
महासमुंद, 13 जुलाई। जिला पंचायत के पूर्व सभापति अमर अरूण चंद्राकर ने सरकार के युक्तियुक्तकरण को मनमानी पूर्ण कार्रवाई बताते हुए ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने का षडय़ंत्र बताया है।
उन्होंने जारी विज्ञप्ति में बताया कि एक तरफ युक्तियुक्तकरण के तहत 2008 के व्यवस्थित सेटअप को तहस-नहस कर दिया गया। शिक्षकों को अतिशेष की सूची में डाल दी गई। वहीं, दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र के अधिक दर्ज संख्या वाले स्कूलों को भी युक्तियुक्तकरण के तहत अन्य स्कूलों में मर्ज कर दिया गया है। जिससे गाँवों के बच्चों पर शिक्षा से वंचित होने का संकट मंडराने लगा है।
अमर अरूण ने कहा कि ग्राम पंचायत अछरीडीह के आश्रित ग्राम नयापारा प्राथमिक शाला को युक्तियुक्तकरण के तहत अछरीडीह मीडिल स्कूल के साथ मर्ज कर दिया गया है। जबकि, अछरीडीह से नयापारा की दूरी डेढ़ किलोमीटर है। वहीं, इस स्कूल में बच्चों का दर्ज संख्या 103 है। अमर ने नयापारा के प्राथमिक शाला का नियम विरूद्ध गलत ढंग से युक्तियुक्तकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम अछरीडीह में प्राथमिक शाला व मिडिल स्कूल एक ही परिसर में संचालित है। यदि युक्तियुक्तकरण करना ही था तो अछरीडीह के प्राथमिक शाला का निकट के मिडिल स्कूल में मर्ज करना था। लेकिन, डेढ़ किलोमीटर दूर ग्राम नयापारा के प्राथमिक शाला का अछरीडीह के मिडिल स्कूल के साथ युक्तियुक्तकरण कर दिया गया है। शिक्षा विभाग के कर्मचारियों द्वारा पंचायत पदाधिकारियों को अंधेरे में रखकर नयापारा स्कूल का युक्तियुक्तकरण करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया है। पंचायत पदाधिकारियों को बताया गया था कि अछरीडीह के प्राथमिक शाला को मिडिल स्कूल के साथ मर्ज किया जाएगा। जबकि, विभागीय सूची में नयापारा प्राथमिक शाला का युक्तियुक्तकरण करना बताया जा रहा है। जिससे ग्रामीणों व पंचायत पदाधिकारियों में गहरी नाराजगी है।
अमर अरूण ने कहा कि अछरीडीह व नयापारा की दूरी युक्तियुक्तकरण के नियम में नहीं आता। 1.5 किमी दूरी होने के नाते इस स्कूल का युक्तियुक्तकरण नहीं किया जा सकता। जनसंख्या के हिसाब से नयापारा अनुसूचित जाति बाहुल ग्राम है। इस स्कूल को युक्तियुक्तकरण करने से यह स्कूल बंद हो जाएगा तथा यू डाइस कोड भी समाप्त हो जाएगा।
जिससे यहां अध्ययनरत बच्चों को पढ़ाई बंद करना पड़ेगा। अछरीडीह व नयापारा के बीच कच्ची सड़क है। बारिश में इस मार्ग पर चलना भी दूभर हो जाता है। नदी किनारे होकर मार्ग गुजरी है। जिससे बच्चों पर हमेशा खतरा मंडराता रहेगा। युक्तियुक्तकरण होने से ग्रामीण अपने बच्चों को अछरीडीह भेजने से परहेज कर रहे हैं।
ग्रामीणों के विरोध के बाद इस स्कूल में अभी अध्यापन कार्य चल रहा है। लेकिन, कभी भी इस स्कूल को बंद किया जा सकता है।100 से अधिक बच्चे होने के बाद भी प्रशासन द्वारा जमीनी स्तर पर जाँच व निरीक्षण ना कर कागजों में भी इस स्कूल का नियम विरूद्ध युक्तियुक्तकरण कर दिया गया है।
नयापारा के प्राथमिक शाला को युक्तियुक्तकरण करने के विरोध में पंचायत के पदाधिकारी ग्रामीणों के साथ बीईओ, डीईओ तथा कलेक्टर तक इस स्कूल के युक्तियुक्तकरण को निरस्त करने की मांग कर चुके हैं। लेकिन, अब तक इस दिशा में सार्थक पहल नहीं किया गया। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। अमर ने कहा कि शीघ्र ही नयापारा स्कूल का युक्तियुक्तकरण निरस्त नहीं किया गया तो नयापारा, अछरीडीह के ग्रामीणों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन किया जाएगा।