‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 मार्च। रायपुर में कुनबी समाज संगठन के पदाधिकारी बन कर संगठन चलाने वाले देवराज पारधी पुरूषोत्तम टोण्डरे और श्याम देशमुख के विरुद्ध न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी रायपुर अंकिता यदु की अदालत ने धारा 417, 420, 466, 467, 468, 471, 120 बी का अपराध दर्ज कर उनकी उपस्थिति के लिये वारंट जारी किया है । इन आरोपियों के विरुद्ध संगठन के पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर नाकतोड़े ने मिश्रा चेम्बर रायगढ़ के सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार मिश्रा - आशीष कुमार मिश्रा के मार्फत न्यायालय में आपराधिक प्रकरण पेश कराया था एवं आरोप लगाया था कि इन अपराधियों ने संस्था भवन का ताला तोडक़र स्वयं को कुनबी समाज का पदाधिकारी घोषित कर दिया एवं लोगों को ठग ठग कर चंदा वसूल कर रहे हैं तथा संगठन की रकम का बैंक से आहरण कर रहे हैं जबकि छत्तीसगढ़ शासन ने भी इनकी कार्यकारिणी को अवैध घोषित कर दिया है।
इन आरोपियों की ठगी का शिकार होने वाले सतीश रावते, विजय बेन्द्रे और रामेश्वर नाकतोड़े ने न्यायालय में अपना बयान दर्ज कराया एवं इनके अपराधों के सबूत के रूप में कुल 10 दस्तावेजी प्रमाण अदालत में पेश किया ।
ज्ञात हो कि कुनबी समाज संगठन का बैंक खाता सील करने के लिये वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक कुमार मिश्रा द्वारा नोटिस दिये जाने पर बैंक ने इस संस्था का खाता वर्ष 2023 में फ्रीज कर दिया था लेकिन इसके बाद भी आरोपीआम जनता को इस संस्था का पदाधिकारी होना बताकर चंदा वसूलते रहे ।
संस्था के इस फर्जीवाड़ा की अपील मिश्रा चेम्बर द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के समक्ष की गई थी जिस पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने देवराज पारधी की समूची कार्यकारिणी को अवैध होना पाया एवं 15 मार्च 2024 को पंजीयक को निर्देशित किया कि 6 माह के भीतर संस्था का चुनाव कराया जाए परंतु शासन का यह फैसला आने के बाद भी शासन के इस फैसले को न तो आरोपीगण ने महत्व दिया, न ही पंजीयक ने महत्व दिया, जिसके कारण राजधानी में यह फर्जीवाड़ा बेखौफ फलता-फूलता रहा एवं अपराधीगण कानून को अंगूठा दिखा कर चिढ़ाते रहे लेकिन जब यह मामला अदालत में पहुंचा, तब इन अपराधियों की सभी चालाकी धरी की धरी रह गई एवं वे कानून की गिरफ्त में आ गए ।