‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 मार्च। बिना राशि के पालना योजना के संचालन होने न होने को लेकर कांग्रेस विधायकों के प्रश्न में महिला बाल विकास मंत्री मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े उलझ गईं।यह देख स्पीकर डॉ रमन सिंह ने मंत्री से कहा कि पूरी जानकारी विभाग से लेकर सदस्यों को उपलब्ध करा दें।
गुरुवार को प्रश्न काल में कांग्रेस के विक्रम मंडावी ने वर्ष 24-25 में पालना योजना के लिए राशि का प्रावधान न करने का कारण पूछा। मंत्री ने कहा कि वित्त विभाग ने अनुमति नहीं दी थी। मंडावी ने कहा कि 15 फरवरी 25 तक केंद्रांश राज्यांश दोनों ही शून्य बताया गया है तो 175 पालना घर संचालन कैसे किस मद से हो रहा । मंत्री राजवाड़े ने कहा कि 25 फरवरी के बाद राशि 4.82 करोड़ रूपए मिले हैं। और संचालन के लिए रिलीज कर दिए गए हैं। कांग्रेसके ही उमेश पटेल ने कहा कि 15फरवरी तक कोई राशि व्यय नहीं की गई यानी साल भर तक योजना चली ही नहीं ।मंत्री ने कहा कि योजना संचालित है। एसएनसी मॉडल में तकनीकी दिक्कत के कारण कुछ समय तक रूका था। अब 31मार्च तक खर्च करेंगें। पटेल मे कहा कि राशि व्यय नहीं हुई है। मतलब संचालन भी नहीं। और मंत्री कह रही हैं कि पालना घर चल रहे हैं। मंत्री से उत्तर न आता देख स्पीकर रमन सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए मंत्री को पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। और जवाबों से असंतुष्ट विपक्ष ने सरकार पर योजना में अनियमितता और लापरवाही का आरोप लगाया।
महतारी वंदन योजना पर भी उठे सवाल
महतारी वंदन योजना को लेकर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया। अटल श्रीवास्तव ने सरकार से पूछा कि बुजुर्ग महिलाओं को 500 रुपये कम क्यों दिए जा रहे हैं।इस पर मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जवाब दिया कि अंतर की राशि दी जा रही है। इस पर विधायक संगीता सिन्हा ने पूछा कि अंतर की राशि किस प्रक्रिया से दी जा रही है। और जिन्हें लाभ नहीं मिल रहा उनके लिए पंजीयन पोर्टल कब खोल रहे हैं। मंत्री ने कहा कि पेंशनधारी महिलाओं को अंतर की राशि दी जा रही है और जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, उनकी चिंता सरकार कर रही है।