‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 17 मार्च। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एवं कृषक कल्याण परिषद के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने एक विज्ञप्ति में कहा कि राजस्व विभाग छत्तीसगढ़ संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पार कर चुका है जिसके कारण सुहेला तहसील के एक किसान को तहसील कार्यालय में आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा है। सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि बलौदाबाज़ार के विधायक टंकराम वर्मा राजस्व मंत्री हैं उनके क्षेत्र में यह हाल है तो बाकी राज्य की दुर्दशा का अनुमान सहज लगाया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि भू अभिलेख का डिजिलीकरण सरकार का निर्णय है उसे ठीक से अपलोड करने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की है किंतु उनकी त्रुटि का खामियाजा किसान भुगत रहे हैं हजारों त्रुटियां है जिसके सुधार के लिए किसान दर दर भटक रहे है और उन्हें मिलती है तारीख पर तारीख चूँकि यहाँ सरकारी काम है अतएव किसान द्वारा सिफऱ् अवगत कराने पर त्रुटि सुधार होना चाहिए न कि उससे दफ़्तर का चक्कर लगाने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए।
सुरेंद्र शर्मा ने आगे कहा कि हर आम वो ख़ास ब्यक्ति को किसी न किसी काम से राजस्व विभाग का सामना करना पड़ता है ,हर कार्य के कार्य संपादन के लिए तथाकथित समय निर्धारित है किंतु निर्धारित समय पर शायद ही किसी का काम होता है यह सरकार के लिए चिंता का विषय होना चाहिए सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि तथाकथित आनलाइन की सुविधा हकीकत में उपलब्ध नहीं है फौती बटवारा सीमांकन प्रमाणीकरण जाती निवास प्रमाण पत्र आदि के लिए निरंतर लोग घूमते दिखाई देते हैं किंतु सरकार फ़ीलगुड में है उनका काम हो रहा है तो लगता है सभी का काम हो रहा है।पीडि़त किसान को समझाइश देने की जगह दुत्कारना, आम आदमी को अधिकारियों द्वारा दोयम दर्जे का आदमी समझना आम बात है इन परिस्थितियों को सुधारने की जरूरत है एक दो अधिकारी को निलंबित करने से कुछ नहीं होगा सरकार को सुधार का संकल्प लेना होगा।
सुहेला का किसान जीवन मृत्यु के बीच झूल रहा है हम उसके स्वस्थ होने की कामना करते हैं, साथ ही राजस्व विभाग के अधिकारियों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए ईश्वर से प्रार्थना कराटे हैं क्योंकि इस सरकार से उम्मीद करना बेकार है।