आदिवासी बालक आश्रम प्रभारी निलंबित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 5 फरवरी। प्रशासनिक लापरवाही और गंभीर आरोपों के चलते आदिवासी बालक आश्रम कटगोड़ी की प्रभारी अधीक्षिका मीना कुर्रे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई संयुक्त संचालक शिक्षा, सरगुजा संभाग द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी बैकुण्ठपुर के माध्यम से की गई।
यौन उत्पीडऩ के मामले को छुपाने का आरोप
मीना कुर्रे पर आरोप है कि उन्होंने अपने आश्रम में कार्यरत अजय कुमार कनौजिया (भृत्य) द्वारा पिछले आठ माह से एक छात्र के साथ किए जा रहे यौन उत्पीडऩ की जानकारी को छुपाया और इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को नहीं दी। इस गंभीर मामले में लापरवाही बरतने के कारण उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की गई है।
आश्रम में अव्यवस्थाओं का भी खुलासा
इसके अलावा, जांच में पाया गया कि आश्रम में कई अनियमितताएं थीं-गुणवत्तापूर्ण भोजन की कमी, स्वच्छता की अनदेखी, पालकों से संपर्क नहीं किया गया, निगरानी समिति की बैठकें नहीं हुईं, शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का लाभ बच्चों को नहीं मिला।
प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर मीना कुर्रे के विरुद्ध छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के नियम 3 (1) (एक), (दो) और (तीन) के उल्लंघन का दोषी मानते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम-1966 के तहत निलंबन की कार्रवाई की गई। निलंबन अवधि में मीना कुर्रे को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, और उनका मुख्यालय कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी, सोनहत में निर्धारित किया गया है।
इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि आश्रमों में बच्चों की सुरक्षा और सुविधाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया कि आश्रमों की सख्ती से निगरानी की जाएगी, ताकि बच्चों को सुरक्षित और उपयुक्त माहौल मिल सके।