‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 5 फरवरी। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय का हाल बेहाल है। यहां पर सारे अकादमिक कार्य अटके पड़े हैं।
गौरतलब हो कि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति मोक्षदा चंद्राकर को 21 जून 2024 को राजभवन द्वारा बर्खास्त किया गया था, जिससे रिक्त कुलपति के पद पर दुर्ग कमिश्नर सत्यनारायण राठौर को प्रभारी कुलपति नियुक्त किया गया था। श्री राठौर हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग के भी कुलपति हैं। खैरागढ़ विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्ति हेतु 23 नवंबर 2024 को राज भवन रायपुर में साक्षात्कार आयोजित हुआ था। सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार इस साक्षात्कार में कुल आठ लोग उपस्थित हुए थे, जिसमें से चार छत्तीसगढ़ के तथा चार अभ्यर्थी राज्य से बाहर के हैं। साक्षात्कार संपन्न हुए लगभग डेढ़ महीने हो चुके हैं, परंतु अभी भी इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति नहीं हो पाई है। पूर्णकालिक कुलपति न होने से बहुत से शैक्षणिक कार्य एवं गतिविधियां अटके पड़े हुए हैं और सबसे ज्यादा परेशानी शोधार्थियों को हो रही है।
नाम न प्रकाशित करने के शर्त पर शोधार्थियों ने बताया कि 6 महीने से ऊपर हो गए हैं, उनका पीएचडी वायवा अभी तक संपन्न नहीं हुआ है वहीं कई लोगों का पीएचडी थीसिस जमा किए हुए साल भर से ऊपर हो गए हैं और उनका भी वायवा अटका पड़ा हुआ है।
शोधार्थियों का कहना है कि हमारा पीएचडी रिपोर्ट आ जाने के बाद भी वायवा नहीं होने से हमारा भविष्य अंधकार में है , इस बीच बहुत से जगह जॉब के लिए विज्ञापन निकाले गए, किंतु हमारा मौखिकी न होने के कारण हम सब उसमें भाग लेने से वंचित हो गए। अभी भी पीएचडी वायवा होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो चुका है, किंतु इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में आगामी शैक्षणिक सत्र 2025 26 से लागू किया जाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित पाठ्यक्रम को ड्राफ्ट कमेटी शिक्षा कमेटी कार्यकारिणी समिति में पास किया जाएगा, फिर अध्यादेश तैयार कर राज्यपाल के समक्ष अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किया जाएगा। कुल मिलाकर संगीत विश्वविद्यालय में नए कुलपति के इंतजार में सारे काम लटके पड़े हुए हैं।