‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 17 जनवरी। स्वामित्व योजना के तहत बलौदाबाजार जिले के 4600 से ज्यादा लोगों को मालिकाना हक दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जनवरी को अधिकार अभिलेख का वितरण करेंगे।
बलौदाबाजार जिले के 4630 लोगों को भूमि स्वामी का अधिकार मिलने जा रहा है। स्वामित्व योजना के तहत 18 जनवरी 2025 को वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस योजना के तहत अधिकार अभिलेख का वितरण करेंगे।
स्वामित्व योजना के तहत देश के 50,000 गांवों के 58 लाख से अधिक लोगों को मालिकाना हक दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जनवरी को अधिकार अभिलेख का वितरण करेंगे। इस योजना के तहत बलौदाबाजार जिले के भी 4630 लोगों को भूमि स्वामी का अधिकार मिलेगा। यह योजना ग्रामीण आबादी क्षेत्र की जमीनों को स्वामित्व का दर्जा देकर उनके मालिकाना हक की पुष्टि करती है।
इस प्रक्रिया के लिए ड्रोन तकनीक से सर्वेक्षण कर नक्शा तैयार किया गया था, जिसके आधार पर अधिकार अभिलेख बनाए गए हैं. यह योजना न केवल ग्रामीणों को सशक्त बनाएगी, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार का भी मार्ग प्रशस्त करेगी।
क्या है स्वामित्व योजना?
स्वामित्व योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी वाली भूमि का रिकॉर्ड तैयार करना है. इसके तहत, भूमि स्वामियों को उनकी जमीन का मालिकाना अधिकार दिया जाता है. इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में विवादित भूमि मामलों का निपटारा और संपत्ति के स्वामित्व का आधिकारिक रिकॉर्ड सुनिश्चित किया जा रहा है.
योजना से मिलेगा लाभ
स्वामित्व योजना से भूमि स्वामी अधिकार के साथ ही भूमि का मालिकाना हक मिलेगा. भूमि स्वामी को उनकी संपत्ति पर पूर्ण अधिकार दिया जाएगा. साथ ही बैंक लोन की सुविधा मिलेगी, भूमि मालिक अपनी संपत्ति को गिरवी रखकर बैंक से लोन ले सकेंगे. साथ ही खरीद-बिक्री में सहूलियत मिलेगी, जिसमें भूमि की रजिस्ट्री और बिक्री अब आसानी से संभव होगी.
विवाद का समाधान करते हुए विवादित भूमि के मामलों में स्पष्टता आएगी. साथ ही आधिकारिक अभिलेख भी तैयार होगा।
अधिकार अभिलेख पर तहसीलदार के हस्ताक्षर होंगे, जिससे यह कानूनी दस्तावेज माना जाएगा. ग्राम पंचायतों का सशक्तिकरण होगा स्वामित्व के स्पष्ट दस्तावेज गांवों में विकास कार्यों को सुगम बनाएंगे.
पहले दिए गए थे पट्टे
इस योजना से पहले भी पट्टे दिए गए थे, लेकिन मालिकाना हक नहीं दिया गया था. अब इस बार अधिकार मिलने के बाद भूमि स्वामी अपनी संपत्ति का स्वतंत्र उपयोग कर सकेंगे. इसके लिए जमीन का क्षेत्र तय नहीं है, जितनी जमीन है, उतने पर मालिकाना हक दिया जाएगा.
कार्यक्रम में हुआ था बदलाव
बता दें कि पहले यह कार्यक्रम 27 दिसंबर को होना था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के कारण इसे स्थगित कर 18 जनवरी को तय किया गया है। इस योजना के तहत पूरे देश में 50,000 गांवों के 58 लाख से अधिक लोगों को मालिकाना हक प्रदान किया जाएगा।