‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 15 जनवरी। ओ.बी.सी. महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम साहू के मार्गदर्शन में प्रदेश के सभी जिलों में प्रेस कॉन्फें्रन्स 15 एवं 16 जनवरी को रखा गया था। बुधवार को सरगुजा जिला प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेन्स का आयोजन किया गया।
ओ.बी.सी. महासभा के वरिष्ठ परशुराम सोनी प्रदेश उपाध्यक्ष एवं सरगुजा संभाग प्रभारी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि त्रिस्तरीय चुनाव में नगरपालिका एवं नगरनिगम में पूर्व में जो आरक्षण मिलता था, वह कम कर दिया गया है। सरगुजा एवं बस्तर में आरक्षण को कम कर दिया गया है। पंचायत चुनाव में ओ.बी.सी. समाज में काफी आक्रोश व्याप्त है।
आगे कहा- हमारा ओबीसी समाज गैर राजनैतिक संगठन है, जिनके राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार, प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम साहू है। प्रदेश अध्यक्ष के मार्गदर्शन में लगभग 4 वर्षों से ओबीसी समाज के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ी जा रही है। ओबीसी की जनगणना पृथक से हो जिसका कोड नम्बर दो, जनसंख्या के आधार पर हिस्सेदारी मिले।
पूर्व सरकार के द्वारा 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था जिसे राज्यपाल के पास भेजे हुए लगभग 2 वर्षों से अधिक हो गये लेकिन आज तक मंजुरी नही मिली है।
यह सभी मांगे विधायक, सांसद एवं कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को भेजा गया। हमारी मांगों पर किसी ने संज्ञान नहीं लिया,जबकि देश के तीन राज्यों में ओबीसी के सदस्यों को लगभग 30 से 60 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है। तमिलनाडु में 59 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 52 प्रतिशत एवं मध्यप्रदेश में 50 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को नौवे अनुसूची में शामिल किया गया है।
नगरपालिका, नगरनिगम में आरक्षण कम कर दिया गया है। सरगुजा एवं बस्तर में आरक्षण शून्य कर दिया गया है जिससे ओबीसी समाज में काफी नाराजगी है। ओबीसी सदस्यों ने सर्व सहमति से यह तय किया गया नगरपालिका, नगर निगम और पंचायत चुनाव में 2019 कि स्थिति कायम करें नहीं तो ओबीसी महासभा आन्दोलन के लिए बाध्य होगी।
परशुराम सोनी ने कहा कि हम नगर बंद, चक्काजाम और आन्दोलन करेंगे। यदि सरकार नहीं सुनती है और ओबीसी समाज के हित में निर्णय नहीं करती है तो मतदान का बहिष्कार किया जाएगा। हाईकोर्ट में याचिका दायर करेगी जिससे ओबीसी समाज को न्याय मिल सके।
इस वार्ता में प्रदेश सचिव सुभाष साहू,कृष्णा सोनी, मालती यादव,इन्दु कश्यप,रश्मिी सोनी,ममता सोनी, रघु सोनी, सुमार दास महंत, राजू राजवाड़े उपस्थित थे।