‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 13 जनवरी। भारत त्योहारों का देश है और यहां हर साल हर माह, प्रत्येक राज्य में तिथि के अनुसार कई त्यौहार मनाया जाते हैं। इसी तारतम्य में अन्नदान का पर्व छेरछेरा परसदा में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सुबह से ही गाँव के बच्चे, युवक, युवतियों हाथ में थैला, टोकरी व बोरी लेकर सभी घरों में जाकर छेरछेरा माई कोठी के धान ल हेरहेरा कहते हुए दान मांगा।
व्याख्याता पूरन लाल साहू ने कहा कि छेरछेरा पुन्नी तिहार सामाजिक समरसता, दानशीलता एवं समृद्ध गौरवशाली परंपरा का संवाहक है। यह पर्व प्रतिवर्ष पौष माह के पूर्णिमा को मनाया जाता है। छेरछेरा छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्यौहार है। यह छत्तीसगढ़ की कृषि प्रधान संस्कृति और ग्रामीण जनजीवन मे समानता व समन्वय की भावना को प्रकट करता है।छेरछेरा पर्व कृषि प्रधान संस्कृति में दानशीलता की परंपरा को याद दिलाता है।