‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 28 नवंबर। ऑर्गेनिक दंतेवाड़ा कांक्लेव अंतर्गत संकुल स्तरीय परंपरागत देशी व्यंजन प्रतियोगिता एवं जैविक खेती प्रतिस्पर्धा का आयोजन ग्राम पंचायत समेली एवं ग्राम भोगाम में आयोजित की गई।
ज्ञात हो कि ऑर्गेनिक दंतेवाड़ा कांक्लेव के अंतर्गत स्व सहायता समूहों के मध्य परंपरागत देशी व्यंजन प्रतियोगिता एवं जैविक खेती प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें स्व सहायता समूह के दीदियों द्वारा देशी व्यंजन प्रतिस्पर्धा में उत्साहपूर्वक भागीदारी दी जा रही है।
इसी क्रम में ग्राम भोगाम में दीदियों ने स्थानीय व परंपरागत सामग्रियों से स्वादिष्ट पकवान प्रस्तुत किए। साथ ही जैविक खेती प्रतिस्पर्धा में स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित जीवामृत, हांडी दवा, घना अमृत, बीज अमृत गोबर खाद भी स्पर्धा में शामिल थे। साथ ही संकुल के दीदियों द्वारा कुर्सी दौड़ व रस्सा खींच प्रतियोगिता भी आयोजन किया गया।
इस मौके पर मुख्य अतिथियों द्वारा जैविक कृषि से जुडऩे के लिए सभी स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रेरित करते हुए उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। जिसमें व्यंजन प्रतियोगिता अंतर्गत प्रथम स्थान पर माडक़ाराज जैविक कृषि समूह कमालूर, शिवानी स्व सहायता समूह भोगाम, द्वितीय स्थान तथा माँ बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह पांडेवार तृतीय स्थान हासिल किया। जैविक खेती प्रतिस्पर्धा अंतर्गत प्रथम स्थान पर संतोषी स्व सहायता समूह भोगाम, द्वितीय स्थान पर सरस्वती स्व सहायता समूह पांडेवार, और तीसरा स्थान नेहरू स्व सहायता समूह कंवलनार पर रहा।
इसके अलावा ग्राम समेली में प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की गई जिसमें व्यंजन प्रतियोगिता अंतर्गत प्रथम स्थान पर हिता पुगर स्व सहायता समूह तनेली, द्वितीय स्थान पर वैष्णवी स्व सहायता समेली, तृतीय स्थान शंकर स्व सहायता समूह जबेली ने जीत हासिल किया। जैविक खेती प्रतिस्पर्धा में भीमा स्व सहायता समूह पोटाली प्रथम स्थान प्राप्त किया।
भोगाम के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामु नेताम जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष जय दयाल नागेश, श्रवण कड़ती, उप संचालक कृषि सूरज पंसारी, सहायक संचालक उद्यानिकी डीक्लेश कुमार, जनपद पंचायत दंतेवाड़ा मुख्य कार्यपालन अधिकारी पंकज अंगारे, बल्लू भवानी, सरपंच भोगाम मंगल तामो, धर्मेंद्र ठाकुर, विकाशखण्ड के सभी पीआरपी, संकुल संगठन के दीदीयां, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन और किसान बड़ी संख्या में मौजूद थे।