‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 16 नवंबर। रिश्वत के मामले में पकड़े गए साजा एसडीएम टीआर माहेश्वरी व नगर सौनिक गौकरण सिंह को शुक्रवार को एसीबी की टीम ने न्यायालय में पेश किया। जहां पर दोनों को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। 14 नंवबर को साजा के एसडीएम कार्यालय में एसीबी की टीम की कार्रवाई के बाद दोनों चर्चा में आए थे। एसडीएम और उनके सहयोगी नगर सैनिक पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
जिला में गुरूवार को रिश्वत लेते पकड़े गये अधिकारी टेकराम माहेश्वरी व नगर सैनिक गौकरण सिंह को शुक्रवार को एसीबी की टीम ने प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी गुलापन यादव के न्यायालय में पेश किया जहां पर दोनों को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल किया गया है। दोनों के कोर्ट परिसर पहुंचने के बाद कौतुहल का विषय बना रहा है।
बताना होगा कि गुरूवार को एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त एसडीएम टेकराम माहेश्वरी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। आरोप है कि एसडीएम ने एनओसी जारी करने के लिए एक दिव्यांग युवक से एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग करने के बाद 20 हजार में काम करने का सहमति दी। तय रकम का दूसरा किस्त देते समय एसीबी की टीम ने गार्ड व एसडीएम को पकड़ा है। शिकायतकर्ता पटेल ने बताया कि रकम मांगने की सूचना एसीबी को दी थी, जिसके बाद एसीबी ने एक योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाकर आरोपी एसडीएम को 10 हजार रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। रकम को नगर सैनिक गोकरण सिंह ने खाने का प्रयास भी किया था।
डायवर्सन के लिए काट रहा था चक्कर
प्रार्थी तुकराम पटेल ने बताया कि मां के नाम पर परपोड़ी में एक भूखंड का डायवर्सन कराया जाना था जिसके लिए कई बार चक्कर लगा चुका हूं। गुहार लगाने के बाद भी उसके आवेदन पर विचार नहीं किया जा रहा था। आरोप है कि इस एनओसी के लिए एसडीएम टेकराम माहेश्वरी ने एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। रकम मांगने से परेशान शिकायतकर्ता ने एसीबी को अपनी व्यथा बताते हुए शिकायत किया था।
एसडीएम कार्यालय साजा का रिश्वत से पुराना नाता रहा है। एक कार्यालय में भ्रष्टाचार के मामले में तीन बार एसीबी का छापा पडऩे का रिकार्ड साजा एसडीएम कार्यालय के नाम में हो गया है। बिते 6 साल के दौरान एसडीएम कार्यालय साजा में एसीबी की टीम ने तीन बार दस्तक दी है। तीनों कार्रवाई में राजस्व विभाग के 1 एसडीएम, 1 लिपिक, 1 पटवारी व नगर सेना का सैनिक पकड़े जा चुके हैं।
साजा में पटाखे फोड़े, मिठाई बंटी
एसडीएम पर एसीबी की टीम द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद साजा व आसपास के क्षेत्र में पहली बार कार्रवाई की खुशी में मिठाई बांटी गई। वहीं पटाखे भी फोड़े गये। कार्यालय के बाहर सैकडो की संख्या में लोग मौजूद थे। इस कार्रवाई से कुछ माह पूर्व भी एसडीएम कार्यालय में रकम लेनदेन को लेकर बवाल हो चुका है।
गुरूवार को एसडीएम कार्यालय में एसीबी की टीम ने दबिस देकर साजा एसडीएम टेकराम माहेश्वरी व पदस्थ गौकरण सिंह को 10 हजार के रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के बाद दोनों के खिलाफ विधिवत प्रकरण दर्ज किया था। प्रकरण को लेकर एक बार फिर साजा पूरे प्रदेश में चर्चा कारण बना रहा।
22 मार्च 2018 को रिश्वत लेते पकड़े गए थे पटवारी
साजा के एसडीएम कार्यालय में 6 साल की अवधि में जमीन से संबधित प्रकरण को निपटारे के लिए रिश्वत मांगे जाने के मामले में एसीबी की तीसरी कार्रवाई है। इससे पूर्व 22 मार्च 2018 को पटवारी कन्हैया सिंह ठाकुर को एसीबी की टीम ने प्रार्थी मीनाराम साहू की शिकायत पर पटवारी को रिश्वत के साथ पकड़ा था। पटवारी ने प्रार्थी से जमीन नामकरण, ऋण पुस्तिका बनाने के लिए 30 हजार की मांग की थी।
28 फरवरी 2022 को लिपिक पकड़ा गया था
साजा एसडीएम कार्यालय में 28 फरवरी 22 को एसीबी ने कार्रवाई करते हुए पदस्थ हनी कश्यप को रिश्वत लेते हुए ट्रेप किया था। लिपिक द्वारा प्रार्थी से डायवर्सन के लिए एक लाख का डिमांड किया गया था जिसके बाद प्रार्थी की शिकायत पर एसीबी ने लिपिक को 50 हजार नगद लेते हुए पकड़ा था।