‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 10 नवंबर। भारती विश्वविद्यालय दुर्ग के फॉरेंसिक साइंस विभाग के विद्यार्थियों ने बंगलुरु स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का शैक्षणिक अध्ययन किया। इस शैक्षणिक अध्ययन का उद्देश्य छात्रों को अंतरिक्ष और विमानन क्षेत्र में हो रहे अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास कार्यों से परिचित कराना था। इससे अपराध जांच में भी अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इन दोनों संस्थाओं की आधुनिक तकनीकों और विशेषज्ञता का उपयोग कई प्रकार के अपराधों की जांच और समाधान में किया जा सकता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा संचालित उपग्रहों के माध्यम से प्राप्त उच्च गुणवत्ता वाली सैटेलाइट इमेजेज का उपयोग अपराध स्थल की स्थिति का सटीक विश्लेषण करने में किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, अपराध के बाद हुए घटनास्थल के आसपास के क्षेत्र की छायाचित्रों के माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि वहां क्या गतिविधियां हुई, सडक़ें किस दिशा में जाती हैं, और घटनास्थल से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण डेटा को इक_ा किया जा सकता है। यह विशेष रूप से उन मामलों में उपयोगी होता है जहां दूर-दराज इलाकों या जंगलों में अपराध हुआ हो।
वैज्ञानिकों ने विद्यार्थियों को अंतरिक्ष मिशनों और देश की अंतरिक्ष रणनीतियों के बारे में जानकारी दी, यह शैक्षणिक अध्ययन फॉरेंसिक साइंस के छात्रों के लिए एक अनूठा अवसर साबित हुई, विद्यार्थियों ने इसरो की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और अनुसंधान सुविधाओं का दौरा किया, जहां उन्होंने सेटेलाइट्स, रॉकेट्स, और अंतरिक्ष अनुसंधान से जुड़े विभिन्न उपकरणों के बारे में सीखा। ज्ञात हो कि पूर्व में भारती विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का इसरो में चयन हो चुका है।
छात्रों ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का भी भ्रमण किया, जो भारत का प्रमुख विमान निर्माता संगठन है। यहां विद्यार्थियों को विमानों की डिजाइनिंग, निर्माण और परीक्षण प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी मिली। विद्यार्थियों ने वहाँ कार्यरत विशेषज्ञों से विमानों और हेलीकॉप्टरों के निर्माण से संबंधित महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की और उनके द्वारा किए जा रहे नवाचारों के बारे में विस्तार से जाना।
भारती विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुशील चन्द्राकर, कुलपति डॉ. बी.एन. तिवारी, उप-कुलपति डॉ. आर.एन. सिंह, ग्रुप रजिस्ट्रार घनश्याम साहू ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। शैक्षणिक अध्ययन के दौरान विद्यार्थियों का नेतृत्व फॉरेंसिक विभाग की विभागाध्यक्ष निशा पटेल और सहायक प्राध्यापक सूरज मुडुली ने किया।