कोरबा

मेंघई बाई के लिए महतारी वंदन की राशि है बहुत काम की
09-Nov-2024 2:09 PM
मेंघई बाई के लिए महतारी वंदन की राशि है बहुत काम की

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 9 नवंबर।
वैसे तो 90 साल की मेंघई बाई रोज सुबह उठ जाती है...आज भी वह रोज की भांति सुबह से उठ गई थीं.. कुछ माह पहले अपने खेत के मेढ़ पर उन्होंने जो तिल के पौधे लगाए थे...वह बड़ा होकर तोडऩे लायक हो गया था, सो उन्होंने तय किया कि आज उन पौधों को काटकर उसमें से सारा तिल इक_ा कर लिया जाए..।  सारे पौधे घर लाने के साथ ही घर की डेहरी पर कुछ घण्टों बाद पौधों के तने से वह तिल के एक-एक फलों को अलग कर रही थी...इस बीच बातों की शुरुआत होते ही वह बताती है कि तिल के अनगिनत फलों को इक_ा कर बहुत मुश्किल से कुछ किलो ही बीज निकाल पाती हैं.. यह बीज घर में ही लड्डू बनाकर खाने के लिए काम आता है.. इसे बेचने पर कुछ रुपए जरूर मिल जाते..लेकिन अब खाते में एक हजार रुपए हर महीने मिल जाते हैं, इसलिए इसे बेचने की जरूरत नहीं पड़ेगी...यह एक हजार उनके बहुत काम आती है...एक समय था जब वह सौ रूपए भी नहीं जोड़ पाती थीं।

करतला विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम कोथारी की रहने वाली नब्बे वर्षीय वृद्धा मेंघनी बाई ने बताया कि उन्होंने बीते दौर में पैसों की अहमियत को भलीभांति समझा है। पैसे, आने, रूपए यह सभी जल्दी से किसी के हाथ में नहीं होते थे। कुछ पैसा जोडऩे के लिए भारी-भरकम मेहनत करनी पड़ती थी। वृद्धा मेंघनी बाई ने बताया कि घर पर वह अपनी दिव्यांग बेटी के साथ निवास करती है और महतारी वदंन योजना से जो एक हजार की राशि मिलती है, उससे ही घर की कई जरूरी सामग्री खरीदती है। अपने जीवन में कई वसंत देख चुकी मेंघनी बाई ने बताया कि वह जैसे-तैसे चल-फिर लेती है। उनके नाम पर राशनकार्ड बना है और इससे खाद्यान्न मिल जाता है। इस उम्र में कुछ काम नहीं कर सकती, ऐसे में एक हजार रूपए हर माह मिलने से उसके लिए यह राशि बहुत काम आती है। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वाराहर महीने एक हजार रूपए महिलाओं को दिए जाने पर कहा कि यह राशि हम वृद्ध महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत की तरह होती है।
 


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