कोरबा

‘तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल न जाएं ग्रामीण, हाथियों की मौजूदगी बनी खतरा
09-May-2025 2:07 PM
‘तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल न जाएं ग्रामीण, हाथियों की मौजूदगी बनी खतरा

वन विभाग ने की एहतियात बरतने की अपील, कई इलाकों में डेरा  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोरबा, 9 मई। कोरबा जिले में इन दिनों तेंदूपत्ता तोड़ने का काम जोरों पर है, लेकिन जंगलों में घूम रहे हाथियों ने लोगों की पेशानी पर फिक्र की लकीरें खींच दी हैं। वन विभाग ने गांव वालों से दरख्वास्त की है कि वो कुछ दिन जंगल की तरफ रुख न करें, और पूरी एहतियात के साथ पेश आएं।

बीती रात कुदमुरा रेंज के गुरमा इलाके के जंगल, कक्ष नंबर 1104 में हाथियों का एक बड़ा झुंड, तकरीबन 39 हाथियों का, पहुंचा। सुबह होते ही वन अमला फौरन मौके पर पहुंचा और मुनादी करवा के लोगों को आगाह किया गया कि जंगल न जाएं।

ये झुंड लेमरू रेंज से कुदमुरा की तरफ बढ़ा और अब गुरमा जंगल में रुका हुआ है। हाथियों ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन दो किसानों की धान की फसल जरूर बर्बाद कर दी।

 

वहीं, कटघोरा वनमंडल के केंदई और पसान रेंज में भी हाथियों की लगातार मौजूदगी दर्ज की जा रही है। पसान के बीजाडांड और सेमरहा इलाके में दो अकेले हाथी (लोनर) देखे गए हैं, जिनमें से एक बेहद गुस्सैल मिजाज का बताया जा रहा है।

केंदई रेंज के कोरबी और कापानवापारा इलाकों में दो झुंड अभी भी एक्टिव हैं। वन विभाग ने इन इलाकों के गांव वालों से साफ कह दिया है कि जब तक हालात काबू में न आ जाएं, जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने न जाएं और घरों के आसपास भी होशियारी से रहें।

वन अधिकारियों का कहना है कि हाथियों की हरकतों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उनकी लोकेशन का लगातार पता लगाया जा रहा है और वक्त-वक्त पर गांव वालों को आगाह किया जा रहा है ताकि कोई हादसा पेश न आए।


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