दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुम्हारी, 8 नवंबर। लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार 5 नवंबर को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ। 6 नवम्बर को खरना के बाद 7 नवम्बर बुधवार को सांध्य बेला में कुम्हारी स्थित बड़े तालाब के घाट पर छठ पर्व को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
गुरुवार बड़ी संख्या में पहुँचे व्रती महिलाओं ने 38 घंटे निर्जला उपवास रख अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अघ्र्य दिया नहाय खाय से प्रारम्भ हुआ यह महापर्व अस्त सूर्य देव को पहला अघ्र्य देने के बाद शुक्रवार सुबह दूसरा अघ्र्य दिया गया। रविवार को बड़े तालाब घाट पर पहुंचे व्रतियों ने ढोल-नगाड़े और पटाखों के शोर शराबे के साथ छठ पर्व उत्साह पूर्वक मनाया। इसके पहले घाटों को दीप व फूलों से सजाया गया। आये हुए व्रतियों ने बताया कि शुक्रवार को उगते सूर्य को अघ्र्य के साथ चार दिनों के पर्व का समापन हुआ।
बताते चले कि दीपावली व गोवर्धन पूजा के बाद चार दिवसीय छठ पूजा की तैयारियां कुम्हारी क्षेत्र सहित आस पास के गांवों में शुरू हो गई थी। कुम्हारी नगर के स्टेशन चौक, बाजार चौक, वार्ड क्रमांक 14-15, परसदा, कुगदा, जंजगिरी समेत आसपास के इलाकों के रहवासियों के द्वारा छठ पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। छठ पूजा के लिए व्रती महिलाओं व पुरुषों के द्वारा कोसी, पीतल, बांस का सूप, दउरा, साड़ी, गन्ना, नारियल, फल सहित पूजा-अर्चना के लिहाज से हर सामानों को टोकरी में भर कर घाटों में ले जाया गया।