कोण्डागांव
बाबू पर अभद्र व्यवहार का आरोप, पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश
कलेक्टर ने बाबू को कारण बताओ नोटिस जारी किया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 14 अक्टूबर। ग्रामीणों का राशन कार्ड बनाने सरपंच पति श्रीराम यादव जिला कार्यालय खाद्य विभाग का दो माह से चक्कर काट रहा था। जहां मंगलवार को भी राशन कार्ड बनाने के लिए कोंडागांव जिला खाद्यान्न शाखा में पहुंचकर राशन कार्ड बनाने के लिए बाबू से निवेदन किया।
सरपंच पति का आरोप है कि बाबू अस्थिर दास सोनवानी ने गालीगलौज करते हुए अभद्र व्यवहार किया। जिसके बाद दोनों के बीच कहासुनी हो गई और नाराज होकर कार्यालय से रोते-रोते हुए अपने गांव पहुंचा। लिपिक के व्यवहार से नाराज होकर गांव के ही जियो टावर कैंपस में अपने आप को कैद कर पेट्रोल डाल लिया। घटना की जानकारी लगते ही केशकाल तहसीलदार आशुतोष शर्मा और एसडीओपी भूपत सिंह धनेश्री समेत धनोरा पुलिस मौके पर पहुंची। सरपंच पति की शिकायत के बाद कोंडागांव कलेक्टर ने बाबू को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
यहां पूरा मामला धनोरा थाना अंतर्गत नवीन ग्राम पंचायत बदवर का है। यहां के सरपंच पति श्रीराम यादव जो कि गांव के ही 8 ग्रामीणों का राशनकार्ड नहीं बना था, उनका नवीन राशन कार्ड बनाने 3 अगस्त को जिला खाद्य शाखा में पहुंचकर आवेदन जमा किया गया था, लेकिन 2 माह बीत जाने के बाद भी उन लोगों का राशन कार्ड नहीं बनाना गया।
पीडि़त सरपंच पति का कहना है कि जब तक सभी का राशनकार्ड नहीं बनता और उस बाबू पर उचित कार्रवाई नहीं होती तब तक मोबाइल टॉवर से नहीं उतरेगा। लगभग दो घण्टे की समझाईश के बाद तहसीलदार आशुतोष शर्मा के द्वारा लिखित आश्वासन देने उपरांत टॉवर से बाहर आया।
सभी हितग्राहियों के घर पहुंचे तहसीलदार, बना नवीन राशन कार्ड
सरपंच पति की शिकायत बाद तहसीलदार आशुतोष शर्मा अपने टीम के साथ जिन ग्रामीणों का राशनकार्ड बनवाना था, उन सभी के घर जाकर निरीक्षण भी किए, जिसके बाद तहसीलदार ने तत्काल खाद्य अधिकारी गुलशन ठाकुर को आदेशित किया और बुधवार को सभी आठ ग्रामीणों का तत्काल राशनकार्ड बनवाया गया।
कारण बताओ नोटिस
सरपंच पति की शिकायत के बाद कोंडागांव कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने खाद्य विभाग के शाखा लिपिक अस्थिर दास सोनवानी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 2 दिन के भीतर जवाब मांगा है। यदि इस 2 दिन के भीतर में जवाब नहीं मिलने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचार संहिता नियम 1965 के नियम 01, 02, 03 के विपरीत बताते हुए अनुशासनात्मक करवाई करने की बात कही गई।