कारोबार
रायपुर, 2 मार्च। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि राज्य बजट का सबसे बड़ा फोकस ग्रामीण और अर्धशहरी अर्थव्यवस्था पर है।
श्री पारवानी ने बताया कि कैट ने राज्य सरकार को यूरोप के कई देशों की तर्ज पर इससे पहले रूरल इंडस्ट्रियल पार्क पर सुझाव सौंपा था। बजट में इस कॉन्सेप्ट को शामिल किया गया है, लेकिन शहरी क्षेत्रों के छोटे और मध्यम कारोबारियों के लिए कई मांगें जो कि अधूरी रह गई, जिसमें हर जिलों में थोक बाजारों की स्थापना, ई-कॉमर्स पॉलिसी पर ठोस नीति आदि को शामिल नहीं किया गया।
श्री पारवानी ने बताया कि रिटेल बाजार में ई-कॉमर्स के बढ़ते दुष्प्रभाव के लिए राज्य सरकार को ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता है। हमारी लगातार मांग है कि खुदरा व्यापार पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों का दबाव बढ़ते जा रहा है। इससे छोटे और मध्यम वर्ग के कारोबारी बुरी तरह प्रभावित है। इसके लिए हमे घरेलू व्यापार को प्रोत्साहित करना होगा। बजट में राज्य सरकार ने इसके लिए प्रयास तो किए हैं, लेकिन सीधे तौर पर ई-कॉमर्स कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए और कड़े फैसले लेने होंगे।
श्री पारवानी ने बताया कि हर जिलों में थोक बाजारों की स्थापना के लिए भूमि चिन्हित करना एवं होलसेल कॉरीडोर की स्थापना की मांग की गई है। कैट के जरिए एक बार फिर इन मांगों को लेकर राज्य सरकार से बातचीत की जाएगी। राज्य सरकार ने नए औद्योगिक क्षेत्र के लिए बजट में प्रस्ताव किया है, साथ ही वर्तमान औद्योगिक क्षेत्रों में अधोसंरचना की बेहतरी के लिए भी काम किए जाएंगे। अधोसंरचना के लिए की गई घोषणाओं से इसका प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष प्रभाव बाजार पर पडने की संभावना है।


