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रायपुर, 12 नवंबर। ज्ञानगंगा एजुकेशनल अकादमी ने बताया कि छात्र जीवन भारतीय संस्कृति के बीज है। यही बीज धर्म और संस्कृति के पल्लवित और पुष्पित वृक्ष होकर देश के अनुशासित नागरिक बनकर सुखमय भविष्य के निर्माता बनते है। नृत्य एक ऐसी विधा है जो जीवन को अनुशासन का पाठ पढाती है यह एक तप है, जीवन को सफलता की ओर ले जाने का मूलमंत्र है। यह विद्यालय- हमेशा भारतीय संस्कृति और सम्यता का पोषक रहा है, जिसके लिये समय-समय पर यहाँ अनेक सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन होता रहता है।
अकादमी ने बताया कि इसी कड़ी में विद्यालय में विगत दिनों अन्तर्सदन एवं कक्षावार एकल नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र छात्राओं ने अपनी नृत्य प्रतिभा का परिचय देकर उपस्थित जन समूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस नृत्य प्रतियोगिता में कक्षा पीपी-1 से कक्षा 12वीं तक के छात्र-छात्राओं ने बहुत ही उत्साह एवं स्वप्रेरित होकर भाग लिये।
अकादमी ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत आये हुये अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। इस गौरवमयी कार्यक्रम में निर्णायिका सोना कुलकर्णी एवं सोमाराय चैधरी थी। शाला की प्राचार्या प्रतिमा राजगोर ने कार्यक्रम में उपस्थित रहकर प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। प्रतियोगिता तीन वर्गो में विभक्त था, सब जूनियर, जूनियर और सीनियर। सीनियर वर्ग में 17, जूनियर वर्ग में 51 तथा सब जूनियर वर्ग में 150 छात्र-छात्राओं ने नृत्य की विविध मुद्राओं द्वारा दर्शकों का मन मोह लिया।


