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जिंदगी जीने के मायनों पर पाईटेक में वेबीनार
09-Feb-2021 4:24 PM
जिंदगी जीने के मायनों पर पाईटेक में वेबीनार

रायपुर, 9 फरवरी। प्रोफेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की चीफ प्रॉक्टर एवं असिस्टेंट रजिस्ट्रार कोपल दुबे ने बताया कि अपने नए-नए प्रयासों से लोगों में जागरूकता लाने के मकसद से पाईटेक द्वारा टेकिंग कण्ट्रोल ओवर द गियर ऑफ़ लाइफ के थीम के साथ वेबिनर का आयोजन 5 फरवरी को किया गया। लोगों को बताया गया कि कैसे अपने दैनिक जीवन में बैलेंस बनाना चाहिए। इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देने हेतु मुख्य स्पीकर डॉ. इला गुप्ता, सीनियर कंसलटेंट साइकोलोजिस्ट, इंदु साहू, डायरेक्टर सेक्रेटरी चेतना चाइल्ड एंड वीमेन वेलफेयर सोसाइटी, विद्या राजपूत, मेम्बर ओफ ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड गवर्नमेंट ऑफ छत्तीसगढ़, प्रियांक पटेल, फाउंडर डायरेक्टर नुक्कड़ टी कैफे, मौलश्री दुबे, सीईओ पाईटेक ने भी अपने विचार प्रकट किए।

 डॉ. गुप्ता ने बताया कि  हम कैसे वर्तमान के तनावपूर्ण माहौल में अपने आपको स्ट्रेस फ्री रह सकते हैं। हमें कभी-कभी लोगों से मिलने से उनके विचारों को जानने से भी हमारे आन्तरिक और व्यवहारिक मानसिकता में परिवर्तन आता है एवं लोगों को सबसे मिलजुल कर रहने से हमारे अन्दर तनाव की स्तिथि उत्पन्न नहीं होती इसलिए मिलजुल कर रहना जरुरी है जिससे विचारों के अदान प्रदान से तनाव कम होता है।

श्रीमती साहू ने बताया कि कैसे लोग अपने पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच में तालमेल बिठा सकते हैं और कैसे एक वर्किंग वीमेन अपने घरेलु कार्यों के साथ-साथ अपने बच्चों और फैमिली में समायोजन ला सकती हंै। श्रीमती राजपूत ने बताया कि एक ट्रांसजेंडर को समाज एवं परिवार में कैसे अपनी पहचान बनाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसके बावजूद वो आर्थिक तंगी एवं सामाजिक कठिनाइयों के बाद भी उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिए कार्य किया तथा उन्होंने लोगों को बताया की ट्रांसजेंडर का सहयोग करने से वो भी समाज के बेहतरीन कामों में आसानी से सहयोग कर सकते हैं जिससे समाज आगे बढेगा।

श्री पटेल ने बताया कि वे कैसे अपने दैनिक दिनचर्या में घर और अपने कैफ़े को मैनेज करते हैं तथा बिना किसी व्यवधान से हम लाइफ में पर्सनल और प्रोफेशनल काम में बैलेंस बना सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में सुश्री दुबे ने बताया कि उन्होंने कैसे एक मेट्रो सिटी से आकर छत्तीसगढ़ में संस्था चलाने में क्या अंतर पाया और उन्होंने इसे कैसे बेहतर तरीके से सम्हाला।  घर, ऑफिस और पढ़ाई में उन्होंने कैसे तालमेल बनाया और बड़े ही बेहतरीन तरीके से लोगों के सामने खुद को एक जिम्मेदार और सफल सीईओ के रूप में उदहारण पेश किया और आगे भी इससे बेहतर करते रहने के प्रति सजग रहने की बात कही।

इस वेबिनर से यही निष्कर्ष निकला की लोगों को आस पास की बातों को नजऱंदाज़ करते हुए अपने काम और कर्तव्य पर कैसे अडिग रहना चाहिए।


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