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एनटीपीसी की दिल्ली जल बोर्ड के साथ अपशिष्ट से हरित ऊर्जा बनाने की पहल
22-Apr-2022 3:57 PM
एनटीपीसी की दिल्ली जल बोर्ड के साथ अपशिष्ट से हरित ऊर्जा बनाने की पहल

अप्रैल, 22 अप्रैल। कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के प्रयास में भारत की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने दिल्ली जल बोर्ड के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) में स्लज उत्पादन का उपयोग करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड के साथ एक पहल की है। दादरी स्थित एनटीपीसी की यूनिट 4 बॉयलर में टेरिफाइड अपशिष्ट स्लज से हरित ऊर्जा का निर्माण किया गया। हरित तकनीक पर आधारित यह समाधान पर्यावरण के लिए अनुकूल तरीके से एसटीपी स्लज से हरित ऊर्जा बनाने का आधुनिक तरीका है, जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन नहीं होता। अकेले दिल्ली-एनसीआर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से रोजाना 800 मीट्रिक टन स्लज उत्पन्न होता है। इस स्लज का निपटान करना एक बड़ी चुनौती होती है क्योंकि इसकी वजह से भारी मात्रा में पर्यावरण प्रदूषण होता है।
 
यह आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है। बॉयलर में ही स्लज को फायर कर देने से कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे प्रदूषण कम होगा और साथ ही पर्यावरण के अनुकूल तरीकों का उपयोग कर अपशिष्ट से हरित ऊर्जा बनाई जा सकेगी। एनटीपीसी अपने ऊर्जा पोर्टफोलियो को हरित बनाने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है और उसने 2032 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 60 गीगावॉट क्षमता हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। कंपनी की मौजूदा इंस्टॉल्ड क्षमता 68,881.68 मेगावाट है, जिसमें 23 कोयला आधारित, 7 गैस आधारित स्टेशन, 1 हाइड्रो, 19 नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं। संयुक्त उद्यम के तहत एनटीपीसी की 9 कोयला आधारित, 4 गैस आधारित स्टेशन, 8 हाइड्रो, 5 नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं हैं।

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