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भारतीय जैन संघठना चर्चा में प्रबुद्धजनों की भागीदारी, युवा हमारे भविष्य, मुख्यधारा से जोड़कर रखना होगा-लूंकड़
15-Nov-2021 12:33 PM
भारतीय जैन संघठना चर्चा में प्रबुद्धजनों की भागीदारी, युवा हमारे भविष्य, मुख्यधारा से जोड़कर रखना होगा-लूंकड़

रायपुर, 15 नवंबर।  भारतीय जैन संघठना (बीजेएस)  प्रादेशिक कार्यक्रम में प्रबुद्धजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। पहले सत्र में सामूहिक खुली चर्चा हुई और सवाल-जबाव के बीच सामाजिकजनों की जिज्ञासा का राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र लूंकड़ ने समाधान किया। मुख्यत: समाज के बीच रहकर विचारधारा को लेकर आगे बढऩे का आव्हान उन्होंने किया। जैन बंधु धर्म से ही नहीं बल्कि कर्म से भी समाज के समक्ष जियो और जीने दो के उद्घोष को चरितार्थ कर रहे हैं और आगे भी करें। दूसरे सत्र का कार्यक्रम युवाओं के लिए था जिसका मुख्य उद्देश्य उन्हे समाज की मुख्य धाराओं से जोडऩा था।

श्री लूंकड़ ने देश भर में संचालित किए जा रहे कार्यों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि 10 लाख बेटियों को अब तक सक्षमीकरण कर चुके हैं। स्मार्ट गल्र्स कार्यक्रम को भरपूर प्रशंसा मिल रही है।  हमें थकना नहीं है, जीवन मिला है जो धर्म पर आधारित हैं, लेकिन कर्म से भी आप जीयें।  सुनना, मानना व करना क्या है यह आपको तय करना है। इस बीच एक वरिष्ठ सदस्य ने सुझाव रखा कि ऐसे सदस्य जिनके बच्चे आर्थिक कारणों से नहीं पढ़ पा रहे हैं बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा व जररूत मंदों की इतनी सहायता तो की जाए कि चौका चूल्हा चल सके।  इनके लिए सामूहिक योजना बना सकते हैं। जैन समाज तो अपने संस्कार व सेवा के लिए पहचाने जाते हैं।

श्री लूंकड़ ने बताया कि एक सवाल आया कि जैन समाज की बेटियों में शादी के लिए बायोडाटा तो मांगा जाता है पर आगे की गारंटी कोई नहीं लेता। एक अन्य सदस्य ने कहा कि दूसरे समाज में जैन समाज की बेटियां शादी न करें इस पर भी ध्यान देना होगा। लूंकड़ ने कहा कि इसलिए संघठना ने अपने परिचय सम्मेलन के माध्यम से मेडिकल सर्टिफिकेट मांगना शुरु किया है जो कि समाज ही कर सकता है व्यक्तिगत तौर पर संभव नहीं हैं।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि समय के साथ हमें भी बदलना होगा, बेटी या बेटा की सोच क्या है यह भी देखना होगा। इसी संदर्भ में आज का दूसरा सत्र पूरी तरह से युवाओं के लिए केंद्रित था जिसमें वे अपनी बातें खुलकर रख सकें और समाज को समझकर मुख्य धारा से भटके नहीं।

28 नवंबर को होगी सामूहिक बैठक
कार्यक्रम में यह तय हुआ कि रायपुर में जैन समाज के ऐसे लोग जो सेवाभावी कार्यों में बगैर नाम, बगैर पद सभी प्रकार के सहयोग करना चाहते एक सामूहिक बैठक में हिस्सा लेंगे। एक साझा कार्यक्रम पर चर्चा कर कार्ययोजना बनायेंगे। भारतीय जैन संघठना इसमें पूरा सहयोग करने सहमति दी है। यह बैठक 28 तारीख को रखी गई है।


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