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रायपुर, 9 नवंबर। वाणिज्यकर मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा व्यवसायिक संघों के प्रतिनिधियों से जीएसटी की दरों पर पुनर्विचार किये जाने हेतु चर्चा में चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल शामिल हुआ। श्री पारवानी ने बताया कि वाणिज्यिक कर मंत्री ने ज्ञापन का ध्यानपूर्वक अवलोकन करने के पश्चात् सकारात्मक आश्वासन दिया।
चेम्बर सलाहकार जितेन्द्र दोशी, परमानंद जैन, सुरिन्दर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, राम मंधान, उपाध्यक्ष- हीरा माखीजा, विजय शर्मा, मंत्री-शंकर बजाज, गोविंद माहेश्वरी, जवाहर थौरानी एवं सी.ए. मुकेश मोटवानी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
श्री पारवानी ने निम्नलिखित सुझाव दिए-प्रयोग की गई वाहन के विक्रय पर कम दर से जीएसटी लगाई जानी चाहिए। चूंकि नये वाहनों का विक्रय बहुत हद तक पुराने प्रयोग किए गए वाहनों के विक्रय पर निर्भर है यदि प्रयोग किए गए वाहन अधिक संख्या में बिकेंगे तो नये वाहनों के विक्रय में भी तेजी आयेगी और राजस्व में वृद्धि होगी अत: प्रयोग किए गए वाहन करमुक्त किये जाने चाहिए।
श्री पारवानी ने बताया कि कृषि उपकरण (जैसे मोटर पम्प सेट, केवल पावर, पाईप, कन्ट्रोल स्टाटर आदि) पर क्रमश: 12, 18 प्रतिशत है चूंकि छत्तीसगढ़ प्रदेश,भारत कृषि प्रधान देश है, यहां किसानों की माली हालत ठीक नहीं है, उनके हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि मोटर पम्प, डीजल पम्प, सबमर्सिबल पम्प, पाईप, केबल पावर, स्टार्टर कन्ट्रोल पैनल आदि आयटमों पर 5 प्रतिशत कर की दर की जानी चाहिए।
श्री पारवानी ने बताया कि जीएसटी कौंसिल की बैठक में स्टेशनरी वस्तु पेन पर जीएसटी 12 प्रतिशत बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जो 1 अक्टूबर 2021 से लागू हो गया है। इसके से पश्चात् स्टेशनरीवस्तु पेन महंगे हो गये है। कोरोना काल में स्कूल-कालेज बंद होने के कारण स्टेशनरी व्यवसायी को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा है। जीएसटी लागू करने के पूर्व, केन्द्र सरकार ने टैक्स में संशोधन कर एक देश-एक कर की बात की थी, लेकिन स्टेशनरी वस्तुओं को 5 टैक्स स्लेब में रखा गया है।


