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देश में लगभग 1.25 लाख करोड़ का हुआ दीवाली व्यापार, चीन को 50 हजार करोड़ नुकसान, बहिष्कार जारी रहेगा-कैट
06-Nov-2021 1:17 PM
देश में लगभग 1.25 लाख करोड़ का हुआ दीवाली व्यापार, चीन को 50 हजार करोड़ नुकसान, बहिष्कार जारी रहेगा-कैट

रायपुर, 6 नवंबर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि कोरोना के बाद इस वर्ष पूरे भारत में दिवाली का त्यौहार एक तरह से अलग दिवाली के रूप में आज मनाया जिसकी अनेक आर्थिक विशेषताएं रहीं जिनमें मुख्य रूप से चीनी सामानों का पूर्ण बहिष्कार, भारतीय सामानों का बड़े पैमाने पर उपयोग और भारत में व्यापारियों के लिए दो साल के व्यापार निर्वासन को समाप्त करना शामिल था। देशभर के व्यापारिक समुदाय ने पिछले दो वर्षों की अभूतपूर्व मंदी से काफी राहत महसूस करते हुए बड़े उत्साह के साथ आज दिवाली मनाई।
 
श्री पारवानी ने बताया कि कैट के गत वर्ष शुरू किये गए चीनी सामानों के बहिष्कार के आव्हान के बाद इस साल दिवाली पर देश ने चीन को 50 हजार करोड़ से अधिक के व्यापार के बड़े नुकसान पर खुशी जताई। दिलचस्प बात यह है कि इस साल छोटे कारीगरों, कुम्हारों, शिल्पकारों,और स्थानीय कलाकारों ने अपने उत्पादों की अच्छी बिक्री की। राज्य स्तर, जिला स्तर और क्षेत्रीय स्तर पर हजारों छोटे निर्माताओं ने अपने स्वयं के ब्रांड के सामान की जबरदस्त बिक्री करते हुए एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और किराना उत्पादों के क्षेत्र में बड़ी विदेशी और भारतीय कंपनियों के एकाधिकार को नष्ट कर दिया क्योंकि उन्होंने उस आपूर्ति की कमी को पूरा किया जो कि चीनी सामान की अनुपस्थिति के कारण हुआ था। दिवाली उत्सव की बिक्री यह भी इंगित करती है कि भारत के लोगों ने कोविड से सुरक्षा और भारतीय सामान की बिक्री-खरीद के मामले में कोरोना और चीन दोनों को पछाड़ दिया है।
 
कैट की अनुसंधान शाखा, कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी ने आज देश के सभी राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं और खासतौर पर विभिन्न राज्यों के 20 शहरों जिन्हें देश में वितरण केंद्र के रूप में जाना जाता है, के व्यापारी नेताओं से एक टेलीफोन सर्वे कर अपने-अपने राज्यों में दिवाली की बिक्री के सम्बन्ध में एक सर्वेक्षण किया जिससे यह आकलन लगाया गय। इस वर्ष पूरे देश में दिवाली की त्यौहारी बिक्री लगभग 1 .25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की हुई वहीं पटाखा नीति के बारे में राज्य सरकारों के ढुलमुल रवैये के कारण पटाखों के छोटे निर्माताओं और विक्रेताओं को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है। सर्वेक्षण में यह भी सामने आया की पैकेजिंग व्यापार का एक नया व्यापारिक कार्यक्षेत्र बन गया है जिसमें इस वर्ष दिवाली पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ।

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